डीजी में चेक कितने होते है?

 

डीजी में चेक कितने होते है? इसका मतलब DG का होने वाला रेगुलर मेंटेनेंस कह सकते हैं। इससे DG में जो भी छोटी मोटी दिक्कतें होती हैं, वह दिक्कते रेगुलर चेकिंग में सामने आ जाती है और उन दिक्कतों को समय रहते सही कर लिया जाता है।

जिससे आने वाले समय में DG में किसी भी तरह का कोई बड़ा ब्रेकडाउन आने से बचा जा सके। इससे DG की उम्र बढ़ जाती है। साथ ही इसके कारण DG की एफिशिएंसी यानी कार्य क्षमता भी बढ़ जाती है।

इसीलिए डीजी में चेक कितने होते है? उनको जानना जरुरी है DG में 4 प्रकार के चेक होते है, क्योंकि DG में अगर कोई बड़ा ब्रेकडाउन आता है तो हमें बहुत ज्यादा रुपयों का नुकसान हो सकता है।

क्योकि DG की कीमत बहुत ज्यादा होती है तो इस रेगुलर मेंटेनेंस के जरिए हम भविष्य में होने वाले इन रुपयों के नुकसान से हम बच सकते हैं। इस रेगुलर मेंटेनेंस को हम DG Check के नाम से जानते हैं।

डीजी में चेक कितने होते है?

DG को अगर हर समय मेन्टेन रखना है तो DG को रोजाना चेक करते रहना चाहिए क्योकि इसी चेक से हम DG की क्या स्थिति है उसका कब चेक करना है मतलब DG से सम्बंधित सभी जानकारी मिल जाती है।

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DG में सामान्य रूप से 4 चेक A चेक, B चेक, C चेक, D चेक होते है।

DG चेक जरुरी क्यों है

डीजी में चेक कितने होते है?

  • DG Check के कारण हमारे पैसे की बचत होती है।
  • DG Check के कारण DG की efficiency बढ़ती है।
  • DG Check समय से कराने पर DG मे ब्रैक्डाउन बहुत कम आता है।
  • अगर DG Check समय-2 पर होता रहता है तो इससे DG के सभी पार्ट की सेफ्टी बनी रहती है।
  • DG Check से DG की लाइफ काफी बढ़ जाती है।
  • DG में ABCD ये 4 प्रकार के चेक होते है।

DG A Check | डीजी A चेक

A check इसे प्रतिदिन सुबह-2 किया जाता है। A check करते समय सबसे पहले DG का इमरजेंसी स्टॉप पुश बटन ऑफ कर देना चाहिए, ताकि चेक करते समय DG अपने आप या कोई भी DG को स्टार्ट न कर सके। ऐसा करने से कोई भी हादसा होने से बचा जा सकता है।

  • कपड़े से पूरे DG को बड़ी अच्छी तरह से सफाई करना चाहिए।
  • DG का जो डे टैंक (डीजल टैंक) होता है, उसमें हमें फ्यूल लेवल चेक करना चाहिए। डे टैंक में फ्यूल का लेवल कम से कम 50% तो होना ही चाहिए।
  • DG में जितनी भी कम्युनिकेशन की केबल के कनेक्शन होते है, उनको सही से चेक करना चाहिए, कि वह सही से टाइट है या नहीं कोई लूज़ कनेक्शन तो नहीं है
  • DG सेट में जो बैटरी लगी होती है, उसकी वोल्टेज को चेक करना चाहिए। इसमें वोल्टेज 1 बैटरी वाले DG सेट में 12 वोल्ट और 2 बैटरी वाले DG में 24 वोल्ट से कम नहीं होनी चाहिए।
  • बैटरी के टर्मिनल को हमें सावधानी से चेक करना चाहिए। कहीं बैटरी के टर्मिनल ढीले तो नहीं है। अगर ढीले हैं, तो उनको सावधानी के साथ टाइट कर दे। क्योंकि इनके ढीले होने से DG में सेल्फ लेते समय स्पार्किंग होकर बैटरी ख़राब हो सकती है।
  • DG सेट में कोई भी लीकेज (रिसाव) नहीं होनी चाहिए। जैसे ना तो फ्यूल का लीक होना चाहिए, ना ही कूलेंट और ना ही लुब्रिकेंट ऑयल का लीक होना चाहिए।
  • DG सेट का हमें कूलेंट लेवल चेक करना चाहिए। अगर कूलेंट कम है तो वह लेवल इंडिकेटर में दिखेगा, अगर कूलेंट काम है तो हमें कूलेंट का टॉपअप करना चाहिए। कूलेंट का रंग हरा होता है। कूलेंट की जगह पर कूलिंग के लिए हम पानी का उपयोग अगर करते है तो पानी के सर्कुलेशन से कूलिंग tube में सिलिकेट की पर्त जम जाती है जिससे पानी का सर्कुलेशन सही तरीके से नहीं हो पाता है।
  • DG का कूलिंग सिस्टम भी हमें चेक करना चाहिए। अगर आपके DG पर कूलिंग सिस्टम लगा है, जैसे कूलिंग टावर और पंप, तो उनको अच्छे से चेक करना चाहिए। कहीं वह खराब तो नहीं है, पानी पूरा है कि नहीं है, कोई वाल्व वहां पर बंद तो नहीं है। कूलिंग टावर के अंदर पड़े पेड़ो के पत्तो को निकल देना चाहिए जिससे कोई भी चोकिंग नहीं होगी।
  • DG में जितने भी v-belt लगे है, वह हमें चेक करना चाहिए। कहीं कोई बेल्ट लूज तो नहीं है। अगर ढीला है तो DG का कूलिंग सिस्टम या फिर जो बैटरी का चार्जिंग सिस्टम है वह सही से काम नहीं करेगा।
  • DG में लगे सभी तरह के फिल्टर को हमें चेक करना चाहिए। हमें देखना चाहिए कहीं कोई फ़िल्टर ढीला तो नहीं है, उनमें कोई लीकेज तो नहीं है। या उनमें कोई क्रैक वगैरा तो नहीं है।
  • डीजी सेट का लूब ऑयल का लेवल चेक करना चाहिए। कहीं लूब ऑयल का लेबल कम तो नही है। अगर कम है तो हमें लूब ऑयल का टॉपअप करना चाहिए। इसके लिए जो लूब ऑयल गेज होता है उस पर H (High), M (Medium)और L (Low) यानि हाई, मीडियम और लो लिखा होता है इसमें लूब ऑयल का लेबल मीडियम से थोड़ा ऊपर और हाई से नीचे मतलब हाई और मीडियम के बीच में होना चाहिए।
  • DG Check करते समय उसमे लगे वैक्यूम इंडिकेटर को जरूर चेक करना चाहिए इसी से dg में लगा एयर फ़िल्टर कैसा है पता चल जाता है अगर वैक्यूम इंडिकेटर लाल इंडिकेशन देता है तो एयर फ़िल्टर चोक है और अगर लाल इंडिकेशन नहीं दे रहा है तो एयर फ़िल्टर सही है।
  • Dg सेट में लगे हुए वाटर सेप्रेटर भी चेक करना चाहिए। कभी-2 डीजल के अंदर पानी आ जाता है तो जो वाटर सेप्रेटर होता है वह पानी को अपने में नीचे बॉटम में पंहुचा देता है क्योकि पानी का घनत्व अधिक होता है और आयल का घनत्व कम होता है इसलिए पानी नीचे और आयल ऊपर हो जाता है।

इसके अलावा हमें DG सेट को बाहर से चारो तरफ से देखना चाहिए यानी सभी जगह देख के पता लगाना चाहिए और चीजों का निरीक्षण करना चाहिए कि सभी चीजें सही है या नहीं है।

DG B Check | डीजी B चेक

DG B Check की बात की जाए तो B Check 500 घंटे के बीच में किया जाता है या फिर 6 महीने के बाद। इनमें से जो भी पहले हो। अब हम जानते है की B Check में क्या-2 करना होता हैं।

  • A Check में हम जो भी करते हैं, वह हमें B Check में भी करना चाहिए।
  • इंजन में इंजन ऑयल 15w40 डालना चाहिए।
  • B Check में हमें इंजन ऑयल को बदलना होता है।
  • DG में जो ऑयल फिल्टर लगे होते हैं, B Check में इन फिल्टर को बदलना होता है।
  • DG के बायपास फिल्टर को भी B Check में बदलना होता है।
  • DG में जो फ्यूल फिल्टर लगे होते हैं, उनको भी B Check में बदलना होता है।
  • DG में जितने भी होज पाइप लगे होते हैं, उन सभी होज पाइप को B Check करते समय चेक करना चाहिए, कहीं कोई होज पाइप फटा ना हो, किसी होज पाइप में दरार तो नहीं आई है। अगर किसी होज पाइप में कोई दरार आ गयी है या होज पाइप फटा हुआ मिलता है तो उसको हमें बदल देना चाहिए।
  • DG में लगे एयर फिल्टर को भी B Check में देखना चाहिए और उसको अच्छे से क्लीन करना चाहिए। अगर एयर फिल्टर बहुत ज्यादा गंदा हो गया है, और साफ होने लायक नहीं है, तो उसको भी हमें चेंज करना चाहिए। एयर फ़िल्टर को जब भी क्लीन करे तो एयर से ही क्लीन करे और इसमें सावधानी ये है की एयर फ़िल्टर में एयर प्रेसर हमेशा फ़िल्टर के अंदर से बाहर की ओर होना चाहिए जिससे डस्ट अंदर से बाहर की तरफ निकल जाए।

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1- ट्रांसफार्मर के प्रमुख भाग?

DG C Check | डीजी C चेक

DG C Check को हर 1500 घंटे पे किया जाता है या 3 साल होने से पहले जो भी पहले आये।

  • C Check में सबसे पहले A और B चेक में जो भी काम किया जाता है उसको फिर से करना होता है।
  • DG के अंदर लगे हुए सभी ख़राब गैसकिट को बदलना होता है।
  • जो DG का फ्यूल टैंक होता है, जिसको हम डे टैंक के नाम से भी जानते है, C चेक में उसकी सफाई करनी होती है।
  • DG में एक वाटर रेडिएटर लगा रहता है। जो DG को ठंडा रखता है इसमें पानी बहने के कारण tube के अंदर पानी का सफ़ेद रंग का  सिलिकेट जम जाता है जो  उसको केमिकल की मदद से हमें साफ करना होता है। इसकी सफाई में हम HCL पाउडर का उपयोग करते है।
  • जितने भी पंप और कूलिंग फैन हमारे DG के सिस्टम में लगे होते हैं, उन सभी को हमें चेक करना होता हैं। अगर इनमें कोई दिक्कत है, तो उसको दूर किया जाना होता है।
  • इसके अलावा हमें DG के पॉल्यूशन लेवल को भी चेक करना होता है। अगर पोलूशन लेवल ज्यादा है तो फिर हमें आगे प्रोसीजर करना है, जो पोलूशन लेवल को कम करे।

DG D Check | डीजी D चेक

DG D Check के अंतर्गत D Check हर 6000 घंटे होने के बाद किया जाता है। इसका यह मतलब है की जब DG 6000 घंटे तक चल जाता है तब हमें D Check करना होता है।

  • D Check करने से पहले हमें A, B, और C चेक में हमने जो-2 चीजे चेक की थी उन सभी को हमें फिर से चेक करना चाहिए।
  • डग सेट में जो इंजेक्टर लगा होता है उसको सही प्रकार से साफ करना होता है। और अगर फ्यूल इंजेक्टर को केलिब्रेट करने की जरूरत है तो उसको कैलिब्रेट करना चाहिए।
  • DG सेट में जो रोकर्स कवर यानी गैस किट लगी होती हैं, इनको हमें D Check  में बदलना होता है।
  • जो फ्यूल पंप होता है हमें उसके कैलिब्रेशन को भी चेक करना होता है अगर उसमें कोई दिक्कत है तो D Check में उसका कैलिब्रेशन करना होता है।
  • जितने भी नट बोल्ट हमारे DG में लगे हैं, उन सभी को हमें टाइट करना होता है। क्योंकि जब DG चलता है तो वाइब्रेशन बहुत ज्यादा होता है। और वाइब्रेशन के कारण जो हमारे नट बोल्ट हैं, वह धीरे-2 ढीले हो जाते हैं और ज्यादा समय तक ऐसे ही छोड़ने पर वह खुलकर खो जाते हैं। जिससे हमारा सिस्टम ख़राब हो सकता है।
  • DG सेट में जो कूलिंग सिस्टम लगा होता है उसकी हमें डिस्केलिंग करनी चाहिए।
  • D Check में जो DG में जो वाइब्रेशन डंपर दिए गए होते हैं, आपने DG के बेस पर देखा होगा कुछ स्प्रिंग या फिर रबड़ जैसे वाइब्रेशन डैम्पर में लगे रहते हैं। तो DG अच्छे तरह से वाइब्रेशन को खत्म करे इसके लिए उनको भी हमें चेक करना होता है।
  • DG में जितनी भी सेफ्टी लगी होती हैं, हमें D Check में उन सभी सेफ्टी को भी चेक करना होता है।
  • DG में लगे टर्बोचार्जर को भी D Check में जांचना चाहिए कि वह सही से काम कर रहा है या नहीं।
  • अगर मैनेजमेंट से अनुमति मिलती है, तो पूरे के पूरे DG सेट को खोल कर फिर से उसकी सही से सर्विस करके उसको असेंबल कर देना चाहिए।

DG  चलाते समय सावधानी

  1. DG को चलाते समय हर घंटे पर dg के फ्यूल टैंक में फ्यूल का लेबल चेक करते रहना चाहिए।
  2. DG का RPM चेक करते रहना चाहिए।
  3. DG में कूलेंट का प्रेसर और उसका तापमान हर घंटे चेक करते रहना चाहिए।
  4. DG में लूब आयल का प्रेसर और उसका तापमान हर घंटे चेक करते रहना चाहिए।
  5. इंजन में कोई अबनॉर्मल साउंड तो नहीं आ रहा है।
  6. इंजन से कोई चीज लीक तो नहीं कर रही है।
  7. अगर लूब आयल का तापमान 75 डिग्री सेंटीग्रेट और कूलैंट का तापमान 100 डिग्री सेंटीग्रेट से अधिक जाता है तो dg को तुरंत बंद का देना चाहिए और dg की गहनता से जांच करना चाहिए और इसकी सूचना तुरंत अपने सीनियर को देना चाहिए।

निष्कर्ष

इस पोस्ट में हमने डीजी में चेक कितने होते है? को विस्तार से जाना। DG में ये जो 4 प्रकार के चेक होते है इनको समय-2 पर करते रहना चाहिए क्योकि अगर ये चेक आप करते रहते है तो आपके DG की लाइफ अच्छी रहेगी।

DG check  के सभी प्रकार में सबसे महत्वपूर्ण A चेक होता है इसी चेक से आपको DG के हर समय की जानकारी मिलती रहती है।

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डीजी में चेक कितने होते है? से सम्बंधित महत्वपूर्ण प्रश्न और उत्तर (Mcq)-

1- DG चेक कितने प्रकार के होते हैं?
DG सेट में 4 प्रकार के चेक होते हैं जिसमें A चेक प्रतिदिन का रूटीन चेक होता है, B चेक 500 घंटे या 6 महीने जो पहले हो करना चाहिए, C चेक 1500 घंटा या 3 साल जो पहले हो किया जाना चाहिए और D चेक 6000 घंटा पर किया जाता है।

2- DG सेट कैसे काम करता है?
DG पेट्रोलियम एनर्जी को इलेक्ट्रिकल एनर्जी में बदलता है।

3- DG का पूरा नाम क्या है?
DG का फुल फॉर्म डीजल जेनरेटर होता है।

4- DG क्या है और इसके भाग क्या हैं?
DG विद्युत ऊर्जा को उत्पन्न करने का माध्यम है इसके प्रमुख भाग इंजन, अल्टरनेटर, फिल्टर, वैक्यूम इंडिकेटर, बैट्री, गवर्नर, टर्बो चार्जर आदि इसके भाग हैं।

5- जनरेटर कितने आरपीएम पर घूमता है?
DG 1500 आरपीएम पर घूमता है।

मेरा नाम आर के श्रीवास्तव है इस ब्लॉग में आपको इलेक्ट्रीशियन ट्रेड से संबंधित सभी प्रकार की रोचक जानकारी मिलेगी, जिससे आप रोज नई-नई जानकारी सीख पाएंगे। आपके मन में किसी भी प्रकार का कोई भी प्रश्न/कंफ्यूजन है तो उसे कमेंट सेक्शन में जाकर जरूर कमेंट करे मैं जल्द से जल्द उस प्रश्न/कंफ्यूजन का उत्तर दूंगा और आपकी कंफ्यूजन को दूर करने का पूरा प्रयास करूंगा। धन्यवाद्