दोस्तों आपने Elcb और Rccb के बारे में जरूर सुना होगा।
तो आपके मन में प्रश्न आता होगा की Difference between Elcb and Rccb दोस्तों Elcb और Rccb दोनों ही इलेक्ट्रिसिटी से सेफ्टी देते है।
ये सिंगल फेज और थ्री फेज में आते है। Rccb से पहले तक Elcb का हम प्रयोग करते थे।
इसलिए हम ऐसा कह सकते हैं की Rccb हमारा एक नया डिवाइस है जो करंट को सेन्स करने का काम करता है।
Elcb और Rccb का फुलफॉर्म क्या है।
What is ELCB | ELCB क्या होता है
Type of Elcb | Elcb कितने प्रकार की होती है
वोल्टेज Elcb के Elcb के नाम से जाना जाता है जबकि करंट Elcb को Rccb या Rcd के नाम से जाना जाता है।वोल्टेज Elcb अर्थिंग और उपकरण की बॉडी के बीच कनेक्ट होती है।इसमें इनपुट के लिए फेज व न्यूट्रल दो टर्मिनल होते हैं और लोड की तरफ दो टर्मिनल होते हैं।इसमें दो और अतिरिक्त टर्मिनल भी होते हैं जो उपकरण की बॉडी और अर्थिंग से जुड़े होते हैं
यह दोनो टर्मिनल वास्तव में विद्युत चुंबकीय रिले से जुड़े हुए होते हैं।
और वह करंट लीकेज के समय सर्किट को ट्रैक करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
Elcb working principle | Elcb कैसे काम करता है।
वोल्टेज Elcb को Elcb कहते हैं और करंट Elcb को Rccb या Rcd कहते हैं।
रिले coil के टर्मिनल में से एक तार सीधे Earthing से जुड़ा होता है जबकि दूसरा टर्मिनल उपकरण के बॉडी से जुड़ा होता है।
जब तार टूट जाये या उसका इंसुलेशन ख़राब हो जाये तो उपकरण के बॉडी के संपर्क में तार आ जाता है।
या किसी अन्य कारण से मशीन की बॉडी में करंट आ जाता है।
जो मशीन की बॉडी से Elcb के रिले coil से होते हुए अर्थिंग में प्रवाहित होने लगती है।
जिससे रिले का coil सक्रिय हो जाता है और coil विद्युत चुंबकीय बल उत्पन्न करना शुरू कर देता है।
जब करंट एक निश्चित सीमा से अधिक हो जाता है।
तो रिले की coil में खींचने के लिए पर्याप्त बल पैदा करता है और उपकरण से बिजली की आपूर्ति काट देता है।
और बिजली के झटके को लगने से रोक देता है इसलिए इलेक्ट्रिक मशीन का अर्थिंग करना आवश्यक है।
क्योंकि रिले केवल तभी संचालित होता है जब उसमें से लीकेज करंट प्रवाहित होता है।
यदि करंट सर्किट के किसी अन्य हिस्से से लीक होता है और किसी अन्य रास्ते से प्रवाहित होता है।
तो यह सर्किट को ब्रेक नहीं करता क्योंकि सर्किट को ब्रेक करने के लिए करंट को रिले के माध्यम से प्रवाहित होना जरूरी है।
वोल्टेज ELCB के लाभ-
- यह अर्थ लीकेज और वोल्टेज लीकेज पर काम करता है ।
- लेकिन लीकेज के मामले में यह बढ़िया नहीं है यह केवल अर्थिंग से बह रहे वोल्टेज को ही सेंस करने का काम करता हैं ।
- ELCB अर्थिंग तार में मौजूद वोल्टेज के लीकेज को ही सेन्स करके हमे सिग्नल देता हैं ।
- यह केवल अर्थिंग तार में वोल्टेज के लीकेज होने पर ट्रिप करता है ।
- यह बिजली के शॉक लगने से रोकता है।
- यह ELCB से कम सेंसेटिव है जिससे अनावश्यक रूप से ट्रिप नहीं करते हैं।
- इसका लागत मूल्य भी कम होता है।
वोल्टेज ELCB के नुकसान-
- मशीन के बॉडी के अलावा किसी अन्य भाग में लीकेज करंट को महसूस नहीं कर पाता है या फेज कंडक्टर के सीधे संपर्क में आ जाने पर बिजली के झटके से नहीं रोक सकता है या कम सेंसटिव है जिससे कम लीकेज करंट का पता नहीं लगा सकता इसमें फायदे से कहीं ज्यादा नुकसान होता है इसीलिए यदि आपने अपने घर में पुराना वोल्टेज Elcb लगाया तो उसे बदलकर करंट Elcb लगा ले।
Rccb working principle | Rccb कैसे काम करता है।
करंट पर आधारित ELCB वोल्टेज पर आधारित ELCB की तुलना में अधिक सेंसटिव होती है जिससे वह किसी भी लीकेज करंट को महसूस कर लेती है और सर्किट को बंद कर देती है।
इसमें चार टर्मिनल होते हैं फेज और न्यूट्रल के लिए दो इनपुट टर्मिनल और फेज और न्यूट्रल के लिए दो आउटपुट टर्मिनल होते हैं फेज इनपुट और न्यूट्रल इनपुट टर्मिनल सप्लाई से जुड़ा होता है।
जबकि फेज आउटपुट और न्यूट्रल आउटपुट टर्मिनल लोड से जुड़ा होता है इसमें अर्थ कनेक्शन के लिए कोई टर्मिनल नहीं होता है।
Rccb किरचाफ के करंट ला पर कार्य करता है।
जिसके अनुसार फेज वायर के माध्यम से लोड में प्रवेश करने वाली करंट की मात्रा न्यूट्रल वायर के माध्यम से लोड से बाहर निकलने वाली करंट की मात्रा के बराबर होना चाहिए। इस चीज को यह मॉनिटर करता है।
Rccb की कार्यप्रणाली फेज और न्यूट्रल लाइन के बीच मौजूद असंतुलन पर आधारित है या लगातार फेज और न्यूट्रल करंट की मॉनिटरिंग करता है।
सामान्य स्थिति में जब कोई करंट लीक ना हो तो फेज और न्यूट्रल दोनों में करंट समान होते हैं क्योंकि जितना करंट फेज वायर से जाता है वही करंट न्यूट्रल द्वारा वापस प्रवाहित होता है।
यदि करंट किसी अनपेक्षित रास्ते से लीक होता है तो न्यूट्रल में करंट कम हो जाता है और करंट असंतुलन के कारण बनता है।
जब करंट का असंतुलन एक निश्चित सीमा से अधिक हो जाता है तो Rccb सप्लाई को डिस्कनेक्ट कर देती है।
करंट ELCB या RCCB के लाभ-
- Rccb किसी जगह पर इनस्टॉल करने के बाद वहां हो रहें करंट लीकेज का 100% पता लगाने का कार्य करता हैं ।
- इसका अर्थिंग के तार से कोई लेना देना नहीं रहता हैं इसमें अर्थिंग वायर का कनेक्शन नहीं किया जाता।
- जब दोनों तार(न्यूट्रल और फेज ) में करेंट का मान सामान नहीं होता है तो ऐसी स्थिति में यह ट्रिप कर जाता है।
- सर्किट में कही से भी करंट के लीक होने पर करंट ELCB सप्लाई को काट देता है।
- RCCB बिजली का झटका लगने से सुरक्षा प्रदान करने में बहुत विश्वसनीय है।
- यह वोल्टेज ELCB से कहीं ज्यादा सेंसेटिव है।
Which is better ELCB or RCCB? | ELCB और RCCB में कौन बेहतर है।
पुराने सिस्टम में वोल्टेज Elcb का उपयोग किया जाता था जो की पूरी तरह से सेफ्टी नहीं दे पता था यह सभी प्रकार के लीकेज करंट को सेंस नहीं कर पता था।
लेकिन करंट Elcb जो की Rccb है या करंट बैलेंस से सिद्धांत पर आधारित है और जैसे ही इसकी रेटिंग से ज्यादा करेंट का लीकेज होता है यह तुरंत सेंस कर लेता है और ट्रिप हो जाता है।
तो इस प्रकार से से हम यह कह सकते है की Elcb की अपेछा Rccb ज्यादा बेहतर है।
निष्कर्ष
लीकेज करंट से सेफ्टी के लिए सबसे बेहतर Rccb है अगर आपके घर में Elcb लगा है तो उसे हटा कर Rccb लगा ले। तो दोस्तों इस पोस्ट से आप Difference between Elcb and Rccb को समझ गए होंगे।
नोट- यह भी पढ़े।
1- हीटर का सप्लाई वायर गरम क्यों नहीं होता?
2- इलेक्ट्रिकल वायरिंग में क्या-2 सामान लगता है।
3- इलेक्ट्रीशियन के टूल्स के नाम।
4- इलेक्ट्रिकल काम में सुरक्षा।
7- VFD क्या है इसकी पूरी जानकारी।
8- MCB कितने प्रकार की होती है।
अब भी कोई सवाल आप के मन में हो तो आप इस पोस्ट के नीचे कमेंट करके पूछ सकते है या फिर इंस्टाग्राम पर “rudresh_srivastav” पर भी अपना सवाल पूछ सकते है।
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