इलेक्ट्रिकल में सुरक्षा बहुत ही जरुरी होती है और इसके लिए Electrical safety rules in hindi की जानकारी होनी चाहिए चाहे वह किसी भी प्रकार की हो
मतलब Electrical safety आग से सुरक्षा, रोड पर सुरक्षा और भी सुरक्षा से जुड़े उदाहरण क्योकि सुरक्षा अगर हमारे जीवन में नहीं है और Electrical safety rule की जानकारी नहीं है तो हमारे जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती।
खास करके सुरक्षा अगर बिजली से हो तो यहाँ पर और अधिक ध्यान देने की जरूरत होती है क्योंकि इलेक्ट्रिसिटी हमारे जीवन में बहुत महत्वपूर्ण स्थान रखती है इलेक्ट्रिसिटी के बिना हम अपने जीवन से संबंधित वर्तमान परिवेश में कोई भी कार्य नहीं कर सकते।
बिजली पर काम करते समय हमें इलेक्ट्रिसिटी से जुड़े बहुत से नियम का पालन करना होता है क्योंकि इलेक्ट्रिसिटी में किसी प्रकार का कोई भी बचाव नहीं होता है
इसमें जैसे ही कोई असुरक्षित काम किया गया तो तुरंत ही दुर्घटना उसके साथ दुर्घटना हो जाएगी इसमें केवल और केवल सुरक्षा ही एक ऐसा साधन है जिससे हम इलेक्ट्रिसिटी पर काम करते समय सुरक्षित रह सकते हैं और अपने जीवन को बचा सकते हैं।
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इलेक्ट्रीशियन टूल सेफ्टी
इलेक्ट्रिसिटी पर जो भी व्यक्ति काम कर रहा है वह बिना टूल्स के इलेक्ट्रिसिटी पर काम नहीं कर सकता तो यहां पर एक बात और ध्यान देने योग्य हो जाती है कि जो इलेक्ट्रीशियन के टूल्स होते हैं
वह पूरी तरह से सुरक्षित होने चाहिए मतलब जो Electrical safety rules है उनका पालन टूल्स को करना चाहिए जैसे-
कॉम्बिनेशन प्लायर
कांबिनेशन प्लायर एक बहुत ही महत्वपूर्ण इलेक्ट्रिशियन का टूल्स है इसमें जो इंसुलेशन होता है वह सही तरीके से होना चाहिए क्योंकि जब आप इलेक्ट्रिसिटी पर काम करते हैं
तो प्लायर इलेक्ट्रिसिटी के लाइव सप्लाई के संपर्क में होता है तो इससे पूरे कांबिनेशन प्लायर में इलेक्ट्रिसिटी की सप्लाई बह रही होती है अब अगर इंसुलेशन सही तरीके से उस पर नहीं किया गया है
तो आप इलेक्ट्रिसिटी के संपर्क में आ जाएंगे और आपको इलेक्ट्रिक शॉक लग जाएगा। कांबिनेशन प्लायर Electrical safety rules in hindi का पालन कर रहा है या नहीं उसका इंसुलेशन रेजिस्टेंस सही है या नहीं इसको आप स्वयं भी चेक कर सकते हैं
इसके लिए आप कम से कम 500 वोल्ट के मेगर के दोनों तारों में से एक तार को कांबिनेशन प्लायर के मेटल बॉडी पर लगा दें (500 वोल्ट का मेगर इसलिए उपयोग करना चाहिए
क्योंकि कॉम्बिनेशन प्लायर को LT सप्लाई यानी 440 वोल्ट पर उपयोग करते है तो हम जिस वोल्टेज पर उससे काम करते है
काम से काम उतने वोल्टेज वोल्टेज का मेगर होना चाहिए) और दूसरा उसके पीवीसी इंसुलेशन पर लगा दें अब मेगर को 160 आरपीएम पर चलाएं
तो अगर मेगर पर कम से कम एक मेगाओम की रीडिंग आ रही है तो आपके कांबिनेशन प्लायर का इंसुलेशन सही है। आपका कॉम्बिनेशन प्लायर Electrical safety rules का पालन कर रहा है।
स्क्रूड्राइवर
स्क्रूड्राइवर को आम बोलचाल की भाषा में हम पेचकस भी कहते हैं यह इलेक्ट्रिशियन का बहुत ही महत्वपूर्ण टूल है इसकी मदद से किसी भी स्क्रू को खोलना व टाइट करना संभव हो पाता है
इसमें भी सुरक्षा बहुत ही महत्वपूर्ण होती है क्योंकि कभी-2 हम लाइव सप्लाई पर स्क्रूड्राइवर से काम करते हैं तो स्क्रूड्राइवर के मेटल राड में इलेक्ट्रिक सप्लाई ट्रैवेल करती है
तो यदि हैंडल से आपका हाथ नीचे फिसल जाता है तो आपको इलेक्ट्रिक शॉक लग जाएगा इसके लिए स्क्रूड्राइवर के हैंडल के बाद जो लोहे की राड होती है
उसके ऊपर पीवीसी का एक मोटा इंसुलेशन चढ़ा दिया जाता है जिससे Electrical safety rules के अनुसार स्क्रूड्राइवर बन जाता है।
स्क्रूड्राइवर का जो हैंडल होता है उसकी आईआर वैल्यू बहुत ही अच्छी होनी चाहिए कम से कम एक 1 मेगाओम तो होनी ही चाहिए। इसे भी मेगर से चेक करे जैसा कॉम्बिनेशन प्लायर में बताया था।
सिरीज़ टेस्ट लैंप
सीरीज टेस्ट लैंप भी इलेक्ट्रिशियन के काम करने में बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है ऊपर जैसा बताया गया है कि कांबिनेशन प्लायर और स्क्रूड्राइवर इन दोनों टूल्स को लाइव सप्लाई में और बिना सप्लाई के भी उपयोग किया जाता है
सीरीज टेस्ट लैंप से सप्लाई चेक करने के बाद ही इलेक्ट्रीशियन अपना काम करना शुरू करता है। मतलब इसे तो सबसे पहले Electrical safety rules का पालन करना चाहिए।
लेकिन जो टेस्ट लैंप होता है इसको हमेशा लाइव सप्लाई में ही उपयोग किया जाता है इसकी मदद से हम सप्लाई को चेक करते हैं कि जहां पर हमें काम करना है
वहां पर सप्लाई का फेज आ रहा है या नहीं तो चूँकि यह हमेशा लाइव सप्लाई से जुड़ा रहता है तो इसकी सुरक्षा भी हमें उतनी ही ज्यादा रखनी चाहिए इसका भी हमें मेगर की मदद से इंसुलेशन रेजिस्टेंस चेक कर लेना चाहिए
जैसा कि मैंने आपको बताया था कि मेगर के दोनों वायर में से एक वायर को टेस्ट लैंप में जो वायर उपयोग किया जा रहा है उसके मेटल पर लगाना है और दूसरा तार उसे मेटल वायर के पीवीसी पर लगाना है
जो हिस्सा आप पकड़ते हैं अब मेगर को चलना है अगर मेगर पर रीडिंग 1 मेगा ओम से ऊपर आती है तो आपका सीरीज टेस्ट लैंप सही है इससे आप काम कर सकते हैं
बस ध्यान रहे इसके लिए भी 500 वोल्ट का ही मेगर उपयोग करना है क्योंकि यह टेस्ट लैंप भी 440 वोल्ट की सप्लाई पर काम करता है।
इसे भी पढ़े- 1- घर में इलेक्ट्रिक स्विच बोर्ड का कनेक्शन
3- स्टार डेल्टा स्टार्टर क्या है।
मल्टीमीटर
मल्टीमीटर जैसा नाम से ही पता चल रहा है कि यह मल्टीमीटर है मतलब इसकी मदद से हम कई सारे काम कर सकते हैं
जैसे केबल को चेक करना, वोल्टेज को चेक करना, रेजिस्टेंस को चेक करना, डायोड को चेक करना, कंटिन्यूटी चेक करना, ट्रांजिस्टर को चेक करना, बहुत सारे काम हम इसकी मदद से करते हैं
अब चूँकि इससे हम वोल्टेज को भी चेक करते हैं तो इसे भी Electrical safety rules in hindi का पालन करना चाहिए इसमें भी दो तार होते हैं ठीक उसी तरह से जैसे हमने टेस्ट लैंप को चेक किया था उसी तरह से मेगर की मदद से हमें मल्टीमीटर के तारों को चेक करना है
मेगर के एक तार को मल्टीमीटर के तार के मेटल वाले हिस्से पर लगाना है और दूसरा उसके पीवीसी पर लगाना है अगर मेगर की वैल्यू 1 मेगा ओम आती है तो मल्टीमीटर का वायर सही है और आप इससे काम कर सकते हैं।
लाइन टेस्टर / फेज टेस्टर
इस टूल को इलेक्ट्रीशियन हमेशा अपने जेब में रखता है यह इलेक्ट्रीशियन के द्वारा सबसे ज्यादा उपयोग किया जाने वाला टूल है
इसकी मदद से वोल्टेज को चेक करना पंखे में कनेक्शन करना मतलब कई जगह पर इसका उपयोग किया जाता है
इससे भी जब हम वोल्टेज को चेक करते हैं तो इसका भी इंसुलेशन रेजिस्टेंस हमें चेक कर लेना चाहिए जैसा स्क्रूड्राइवर में हमने चेक किया था। और इसको भी Electrical safety rules का पालन करना चाहिए।
सोल्डरिंग आयरन
सोल्डरिंग आयरन भी इलेक्ट्रीशियन के द्वारा उपयोग किया जाने वाला एक टूल है इसकी मदद से हम किन्हीं दो तारों को जोड़ते हैं इससे जब 2 कंडक्टर को जोड़ा जाता है
तो उन दोनों कंडक्टर की कन्टीन्युटी 98 प्रतिशत तक हो जाती है किसी इलेक्ट्रॉनिक सर्किट में सोल्डरिंग करते हैं इसका भी उपयोग हम तभी कर सकते हैं जब इसके अंदर इलेक्ट्रिक सप्लाई ऑन होती है
तभी यह गर्म होता है तो चूँकि लाइव इलेक्ट्रिक सप्लाई में काम करना होता है इसे पड़कर तो यह भी Electrical safety rules के अनुसार होना चाहिए और इसका भी इंसुलेशन रेजिस्टेंस हमें चेक करना चाहिए
इसके मेटल वाले हिस्से पर मेगर का एक तार लगा करके और उसके पीवीसी वाले हिस्से पर मेगर का एक तार लगा करके अगर उसकी रीडिंग 1 मेगा ओम से ऊपर आती है तो सोल्डरिंग आयरन काम करने के लिए सही है।
Pvc टेप
जब भी कहीं पर किसी चालक में जॉइंट किया जाता है या कोई तार कट जाता है वहां पर से pvc का इंसुलेशन हट जाता है और वहां पर लाइव सप्लाई चालू होती है
तो वहां पर पीवीसी टेप का उपयोग किया जाता है वहां पर पीवीसी टेप लगाया जाता है जब वहां पर पीवीसी टेप लगा दिया जाता है
फिर जब हम उस जगह पर छुवे तो हमें इलेक्ट्रिक शॉक नहीं लगना चाहिए तो यह भी Electrical safety rules के अनुसार होना चाहिए इसका भी इंसुलेशन रेजिस्टेंस चेक करना जरूरी है
इसके लिए भी मेगर का उपयोग करके मेगर के एक तार को पीवीसी टेप के नीचे वाले हिस्से में जहां पर गम होता है और एक तार को पीवीसी टेप के ऊपर वाले हिस्से पर जहां पर गम नहीं होता है लगाना होता है
और अगर मेगर की रीडिंग 1 मेगा ओहम से ऊपर आती है तो पीवीसी टेप आपका सही है।
इसी तरह से इलेक्ट्रिक ड्रिल मशीन, वायर स्ट्रिपर, हाथ के दस्ताने, इलेक्ट्रीशियन चाकू, हेक्सा आदि इलेक्ट्रिकल टूल्स का भी इंसुलेशन रेजिस्टेंस को हमें मेगर के सहायता से चेक करना चाहिए।
अब जानते है की इलेक्ट्रीशियन जिस स्थान पर काम करता है वहां पर क्या-2 सुरक्षा होनी चाहिए।
इलेक्ट्रीशियन कार्य स्थल सुरक्षा
इलेक्ट्रीशियन के टूल की सेफ्टी की बात तो हमने कर ली लेकिन इलेक्ट्रीशियन जहां पर कम कर रहा है वहां की भी सुरक्षा उसके आसपास की सुरक्षा भी बहुत जरूरी है
मतलब इलेक्ट्रीशियन के कार्य स्थल की सुरक्षा कैसी है और उसके अंतर्गत क्या-क्या चीज आती हैं लिए एक-एक करके जानते हैं।
वर्क परमिट की सुरक्षा
इलेक्ट्रीशियन के काम करने से पहले मान लीजिए कोई मोटर है उसे पर काम करना है तो उसके लिए काम करने से पहले जो काम होना है उसका एक वर्क परमिट बनता है
मतलब एक आदेश जारी होता है कि इस जगह पर कम होना है और इससे यह चीज प्रभावित होगी उसे वर्क परमिट में वह सारी चीज़ लिखी जाती है उसे पर मेंटेनेंस के इंचार्ज का हस्ताक्षर होता है
उसके साथ-साथ प्रोडक्शन एग्जीक्यूटिव काफी हस्ताक्षर होता है जिस व्यक्ति को कम करना है उसका भी हस्ताक्षर होता है और अंतिम में उस पूरे सिस्टम को पूरी तरह से इलेक्ट्रीशियन के द्वारा आइसोलेट किया जाता है
मतलब वहां पर सप्लाई पूरी तरह से बंद कर दी जाती है इसके लिए वहां का फ्यूज इलेक्ट्रीशियन के द्वारा हटा दिया जाता है और उसे उसे व्यक्ति को दे दिया जाता है जो व्यक्ति उसे जगह पर कम कर रहा है यह परमिट Electrical safety rules के अनुसार काम करने के लिए विशेष प्रकार से लोगों पर दबाव डालता है।
फिर जब काम पूरा हो जाता है तो इसी प्रक्रिया को उल्टा दोहराया जाता है सबसे पहले काम काम पूरा हो गया है इसके लिए जो व्यक्ति उसे जगह पर कम कर रहा है
वह सबसे पहले वर्क परमिट पर हस्ताक्षर करेगा उसके बाद मेंटेनेंस का इंचार्ज हस्ताक्षर करेगा क्या उसके बाद प्रोडक्शन एग्जीक्यूटिव हस्ताक्षर करेगा और फिर अंतिम में जो व्यक्ति कम कर रहा है
वह व्यक्ति फ्यूज इलेक्ट्रीशियन को देगा और इलेक्ट्रीशियन जाकर के फ्यूज लगा करके उसे पूरे सिस्टम को सप्लाई देगा जिससे पूरा सिस्टम चालू हो जाएगा।
इस प्रक्रिया में सभी लोग इन्वाल्व होते हैं क्या काम हो रहा है इसकी सूचना सभी लोगों के पास होती है और दुर्घटना होने की संभावना लगभग ना के बराबर होती है।
लोटो की सुरक्षा
Lock out, Tag Out(LOTO ) किसी संस्थान के अंदर सुरक्षित ढंग से काम करने का एक माध्यम है। अगर आप लोटो सिस्टम का पालन कर रहे है तो आप ये समझ लो की आप Electrical safety rules का बहुत जिम्मेदारी से पालन कर रहे है।
जो यह सुनिश्चित करता है कि company के अंदर जो machine है,खराब होने की स्थिति में है वह तब तक start न किया जाए जब तक maintenance या repair का काम खत्म न हो जाये।
Lock Out-
यह एक प्रकार का लॉक होता है जो सभी प्रकार के इलेक्ट्रिकल इक्विपमेंट को Isolate करके उस फीडर पर एक लॉक लगा कर बंद कर दिया जाता है और इसकी चाबी जो उस मशीन पर काम कर रहा है उसे दे दिया जाता है।
जिससे जब तक वह काम को पूरा नहीं कर लेगा तब तक चाबी नहीं देगा और जब तक चाबी नहीं देगा तब तक सप्लाई को ओन नहीं किया जा सकेगा। यह सभी एक्विपमेंट के लिए अलग-2 होता है।
Tag Out-
इसमें जब फीडर में लॉक लग गया ही उसके बाद उस पर एक “work in progress” का एक टैग लगा दिया जाए जिससे कोई भी जब उस फीडर को ऑन करने आये तो वह “work in progress” का टैग देख कर उस फीडर को ऑन न करे।
Lock Out और Tag Out के यहाँ 8 Step को बिन्दुओं के माध्यम से समझाया गया है,जिसे follow कर हम आसानी से high risk वाले स्थान पर कार्य के दौरान होने वाले खतरों से आसानी से बच सकते हैं।
सेफ्टी बेल्ट की सुरक्षा
इसका उपयोग तब किया जाता है जब इलेक्ट्रीशियन को या किसी व्यक्ति को 6 फीट के ऊपर काम करना होता है सेफ्टी बेल्ट को उस व्यक्ति को पहना दिया जाता है
जिससे चारों तरफ से व्यक्ति को सेफ्टी बेल्ट बांध देता है और इसमें एक हुक होता है जिसे ऊंचाई पर जाकर किसी दूसरे जगह पर फंसा दिया जाता है ध्यान रहे जिस सीढ़ी पर चढ़कर आप काम कर रहे हैं
उस सीढ़ी पर हुक को नहीं फसाया जाता किसी दूसरी जगह पर जो उस सीढ़ी से अलग हो वहां पर हुक को फसाया जाता है अगर किसी परिस्थिति में ऊपर चढ़ा व्यक्ति गिरता है
तो वह उस हुक से लटक जाएगा और वह जमीन पर नहीं गिरेगा जिससे दुर्घटना नहीं होगी कहीं-2 पर डबल सेफ्टी बेल्ट का प्रयोग भी किया जाता है जिससे सुरक्षा 2 गुना हो जाती है।
सेफ्टी-शू की सुरक्षा
सेफ्टी-शू इलेक्ट्रीशियन को जरूर पहनना चाहिए क्योंकि सेफ्टी-शू जैसा के नाम से पता चल रहा है कि यह सेफ्टी के लिए बनाया जाता है यह कोई सामान्य जूता नहीं होता है
इस जूते के आगे के हिस्से में जहां पर पैर का पंजा होता है वहां पर एक प्लास्टिक की कटोरी होती है इससे यह फायदा होता है कि अगर काम करने के दौरान कोई भी भारी वस्तु पैरों पर गिर जाती है
तो जो प्लास्टिक की कटोरी होती है वह बहुत हार्ड होती है जिससे वह वस्तु उस कटोरी पर गिरती है और पैरों को कोई भी नुकसान नहीं होता है और उसके साथ-2 इलेक्ट्रिशियन का जो सेफ्टी-शू होता है
वह 11 kv के वोल्टेज पर टेस्टेड होता है इससे काम करने के दौरान अगर वह किसी कारण से लाइव सप्लाई के संपर्क में भी आ जाता है तो पैरों के माध्यम से अर्थिंग नहीं मिल पाती जिससे इलेक्ट्रीशियन की सुरक्षा हो पाती है।
अर्थिंग की सुरक्षा
अर्थिंग एक बहुत ही महत्वपूर्ण युक्ति है इससे मनुष्य और मशीन दोनों की सुरक्षा होती है मान लीजिए किसी मशीन के बॉडी में लीकेज करंट आ रहा है
तो उस स्थिति में अगर कोई व्यक्ति उस मशीन की बॉडी को छूएगा तो उसे इलेक्ट्रिक शॉक लग जाएगा परंतु यदि वहीं पर उसे बॉडी को अर्थिंग से जोड़ दिया गया है तो उसकी बॉडी में जो लीकेज करंट घूम रहा है
वह अर्थिंग के माध्यम से जमीन में चला जाएगा और जब कोई व्यक्ति उस मशीन को छूएगा तो उसे इलेक्ट्रिक शॉक नहीं लगेगा।
नोट:- अर्थिंग से जुड़ी विस्तार से जानकारी के लिए यहां पर क्लिक करें।
इलेक्ट्रिकल सुरक्षा की ट्रेनिंग
जो भी इलेक्ट्रीशियन मशीनों पर काम करते हैं या लाइव सप्लाई पर काम करते हैं उनकी समय-2 पर ट्रेनिंग होनी चाहिए जिस मशीन पर वह काम करते हैं
उसे मशीन के बारे में सही प्रकार से जानकारी होनी चाहिए और विद्युत से दुर्घटना कैसे हो जाती है क्या-2 सावधानी बरतनी चाहिए काम करने के दौरान इस बारे में उसे पूरी जानकारी उसके पास ट्रेनिंग होनी चाहिए।
इमरजेंसी शटडाउन की सुरक्षा
जो भी मशीन आपके यहां पर काम में लाई जा रही है उस मशीन में एक इमरजेंसी पुश बटन होना चाहिए कि किसी भी आपात स्थिति में जब कोई दुर्घटना होती है
तो उसी समय उस इमरजेंसी पुश बटन को दबा देने से पूरा सिस्टम मशीन बंद हो जानी चाहिए और इसके साथ-2 हर मशीन पर एक फर्स्ट एड बॉक्स जरूर होना चाहिए।
इलेक्ट्रिकल फायर की सुरक्षा
इलेक्ट्रिकल फायर एक विशेष प्रकार की आग होती है इस आग को सामान्य तरीके से नहीं बुझाया जा सकता और इसकी जानकारी की इलेक्ट्रिकल फायर को कैसे बुझाया जाये इसकी सभी को सही से जानकारी होनी चाहिए चाहे वह इलेक्ट्रीशियन हो या कोई भी हो।
हेल्पर की सुरक्षा
जब भी कोई भी व्यक्ति बिजली का काम करने के लिए जाए तो उस व्यक्ति को अकेले काम करने के लिए नहीं जाने देना चाहिए उसके साथ में एक हेल्पर जरूर होना चाहिए और उसको कम से कम इतना तो जरूर पता होना चाहिए
कि किसी आपात स्थिति में पावर सप्लाई को कैसे बंद करना है और उसे किन-2 बातों का ध्यान रखते हुए इलेक्ट्रिशियन की सहायता करना है
क्योंकि अगर इलेक्ट्रीशियन अकेले काम करने के लिए जाता है तो किसी आपात स्थिति में जब उसके पास कोई नहीं होगा तो दुर्घटना होने पर इलेक्ट्रीशियन की जान जा सकती है
तो यदि हेल्पर उसके साथ होगा तो वह किसी आपात स्थिति में पावर सप्लाई को बंद कर देगा जिससे इलेक्ट्रिशियन की जान बच जाएगी।
Electrical safety rules in hindi
1- कभी नहा कर या गीले हाथों से या गीले कपड़े पहनकर बिजली के स्विच को न छुए, किसी बिजली के उपकरण को न छुए इससे आपको इलेक्ट्रिक शॉक लगा सकता है।
2- किसी भी इलेक्ट्रिक कनेक्शन को ओवरलोड ना करें मतलब उस पर उसकी कैपेसिटी से ज्यादा उपकरण ना कनेक्ट करें इससे वह कनेक्शन जल सकता है उसमें शॉर्ट सर्किट हो सकती है।
3- फर्श पर नंगे पैर खड़े होकर के किसी भी इलेक्ट्रिकल उपकरण को न छुए और ना ही किसी स्विच को ऑन करें।
4- जब आसमान में बादल हो और बिजली चमक रही हो तो पेड़ों के आसपास ना खड़े हो और न ही पेड़ों के नीचे खड़े हों क्योंकि आकाशीय बिजली हरे पेड़ो के तरफ ज्यादा आकर्षित होती है।
5- बिना स्विच को ऑफ किये प्लगटॉप को ना निकले।
6- जो भी तार नंगा हो उस पर पीवीसी टेप जरूर लगा दें।
7- जब भी कहीं पर काम करें और फीडर को बंद करें तो वहां पर “काम चालू है” का बोर्ड जरूर लगा दें।
8- किसी भी इलेक्ट्रिकल कनेक्शन को लूज ना छोड़े क्योंकि लूज कनेक्शन में ही स्पार्क होकर के आग लगती है।
9- इलेक्ट्रिकल में तीन ही समस्याएं सबसे प्रमुख होती हैं पहला- डस्ट, दूसरा- रस्ट और तीसरा- लूज कनेक्शन।
10- किसी भी बिजली के खंभे से किसी जानवर को न बांधें।
11- किसी भी बिजली के उपकरण को अर्थिंग से जरूर कनेक्ट करें।
12- फेज को लाल तार, न्यूटन को काला तार,और अर्थिंग में हरा तार से ही कनेक्शन करना चाहिए।
13- किसी भी इलेक्ट्रिक सर्किट को बाईपास नहीं करना चाहिए सर्किट के सीरीज में एक एमसीबी या फ्यूज जरूर होना चाहिए।
14- किसी भी सर्किट में फ्यूज या एमसीबी का जब उपयोग करें तो वह सही मान का होना चाहिए जैसे 10 एंपियर का लोड हो तो 12 एंपियर से ऊपर की एमसीबी या फ्यूज ना लगाए।
निष्कर्ष
दोस्तों इस पोस्ट में आप लोगो ने Electrical safety rules in hindi के बारे में जाना की Electrical safety rules in india
में क्या होता है। Electrical safety rule के अंतर्गत किन-2 चीजों का ख्याल रखना चाहिए। Electrical work place पर काम करते समय क्या-2 सावधानी रखनी चाहिए। Electrician tool safety को अच्छी तरह से समझा।
फिर भी आपका कोई प्रश्न है उसे जरूर पूछे मैं उसका उत्तर जरूर देने का प्रयास करूँगा।
नोट- यह भी पढ़े।
1- सोलर सिस्टम कितने प्रकार का होता है।
2- 100 वाट बल्ब का क्या मतलब होता है?
3- हीटर का सप्लाई वायर गरम क्यों नहीं होता?
5- MCB कितने प्रकार की होती है
6- VFD क्या है इसकी पूरी जानकारी।
अब भी कोई सवाल आप के मन में हो तो आप इस पोस्ट के नीचे कमेंट करके पूछ सकते है या फिर इंस्टाग्राम पर “rudresh_srivastav” पर भी अपना सवाल पूछ सकते है।
अगर आपको इलेक्ट्रिकल की वीडियो देखना पसंद है तो आप हमारे चैनल “target electrician“ पर विजिट कर सकते है। धन्यवाद्
Reverse forward starter से सम्बंधित महत्वपूर्ण प्रश्न और उत्तर (Mcq)-
1- बिजली पकड़ ले तो क्या करना चाहिए?
अगर बिजली पकड़ ले तो सबसे पहले किसी प्रयास करे की सबसे पहले सप्लाई सोर्स को बंद कर दे और जिसे इलेक्ट्रिक शॉक लगा है उसे इलेक्ट्रिक के तार से अलग कर दे।
2- विद्युत सुरक्षा का सबसे महत्वपूर्ण नियम क्या है?
इसके लिए सबसे जरुरी नियम है की जहाँ पर काम करना हो उस जगह को पहले पूरी तरह से इलेक्ट्रिक सप्लाई को बंद कर दे जब बहुत ही जरुरी हो तभी लाइव सप्लाई में काम करना चाहिए।
3- बिजली के 3 प्रकार कौन से हैं?
बिजली में सबसे पहली घरेलु बिजली, दूसरी व्यावसायिक बिजली, और तीसरी औद्योगिक बिजली होती है।
4- करंट लगने के बाद क्या पानी पीना चाहिए?
जब भी किसी मनुष्य को बिजली का शॉक लग जाये तो उसे पानी बिलकुल भी नहीं देना चाहिए। उसे तुरंत फर्स्ट ऐड देना चाहिए और डॉक्टर का परामर्श तुरंत देना चाहिए।
5- विद्युत सुरक्षा सप्ताह कब है?
विद्युत् सुरक्षा सप्ताह 1 मई से 7 मई तक मनाया जाता है।