किसी मेंटेनेंस के काम को करने के लिए टूल्स की जानकारी होनी चाहिए और खास करके इलेक्ट्रीशियन को इलेक्ट्रीशियन के टूल्स के नाम की तो खास कर के जानकारी होनी चाहिए।
इलेक्ट्रीशियन ही क्या हर एक कारीगर के लिए औजार ही उसके हाथ-पाँव होते हैं। अगर उसके पास कोई औजार नहीं है तो वह कोई भी कार्य गुणवत्ता पूर्वक नहीं कर सकता।
अत: इलेक्ट्रीशियन के पास उच्च गुणवत्ता वाले टूल्स होने चाहिए और उसे उनके उपयोग का पर्याप्त ज्ञान होना चाहिए।
कारीगर द्वारा किए गए कार्य की गुणवत्ता औजारों को प्रयोग करने का अभ्यास, औजारों की श्रेष्ठता और उनकी कार्य स्थिति पर निर्भर करता है।
इलेक्ट्रीशियन के टूल्स के नाम
इलेक्ट्रीशियन के टूल्स के नाम के अंतर्गत बहुत से टूल्स आते है जिसमे से जो बहुत ही महत्वपूर्ण टूल है उनके बारे में आप विस्तार से जान जायेंगे। तो एक-2 करके उन सभी टूल के नाम और उनके प्रयोग को जाने।
कॉम्बिनेशन प्लायर
इलेक्ट्रीशियन के टूल्स के नाम के अंतर्गत इलेक्ट्रीशियन के सबसे महत्वपूर्ण टूल्स में उसका कॉम्बिनेशन प्लायर होता है इलेक्ट्रीशियन इसके बिना इलेक्ट्रिक का कोई भी कार्य नहीं कर सकता।
यह एक यूनिक टूल है इस टूल से कई सारे कार्य किये जा सकते है वायर को पकड़ने उसे मोड़ने,काटने उसका pvc इंसुलेशन हटाने में कॉम्बिनेशन प्लायर का सबसे ज्यादा उपयोग होता है।
आप इसे ऐसे भी समझ सकते है की कॉम्बिनेशन प्लायर के बना इलेक्ट्रिकल का कोई भी वर्क नहीं किया जा सकता।
कॉम्बिनेशन प्लायर की 2 टाँगे होती है जिसपर हाई quality का इंसुलेशन चढ़ा होता है, कॉम्बिनेशन प्लायर की सहायता से इलेक्ट्रिसिटी के सभी कार्य को आसानी से किया जाता है।
इसका उपयोग पाइप को पकड़ने, 2 वायर को पकड़ कर जोड़ने, वायर को काटने, वायर को पकड़ने में कॉम्बिनेशन प्लायर का उपयोग करते है।
इसे भी जाने।
2- अर्थिंग क्यों किया जाता है?
पेचकस / स्क्रूड्राइवर
इलेक्ट्रीशियन के टूल्स के नाम के अंतर्गत स्क्रूड्राइवर आता है इस टूल से किसी पेच को कसा या ढीला किया जाता है उसे पेचकस या स्क्रूड्राइवर कहते है इसमें एक हाई कार्बन स्टील की रॉड का उपयोग किया जाता है, जिसके एक तरफ कठोर प्लास्टिक लगा होता है जिससे स्क्रूड्राइवर को पकड़ने पर एक अच्छी ग्रिप मिल जाती है।
इस ग्रिप के बाद पूरी रॉड पर एक रबर की स्लीव चढ़ी होती है जो इलेक्ट्रिक शॉक से सेफ्टी देता है और लास्ट के हिस्से को चपटा कर दिया जाता है जिससे किसी स्क्रू को कसा या ढीला करते है।
बाजार में कई टाइप के स्क्रूड्राइवर आते है जो छोटे व बड़े होते है इसपर कभी भी हैमर से नहीं मरना चाहिए इसका काम सिर्फ और सिर्फ स्क्रू को कसना और ढीला करना होता है।
लाइन टेस्टर/फेज टेस्टर
इलेक्ट्रीशियन के टूल्स के नाम के अंतर्गत लाइन टेस्टर आता है लाइन टेस्टर दिखने में तो स्क्रूड्राइवर की तरह ही होता है और कई बार इसका इस्तेमाल स्क्रूड्राइवर के रूप में भी किया जाता है लेकिन फेज टेस्टर का वास्तविक कार्य किसी भी तार में फेस सप्लाई की जांच करना होता है।
अगर आपको नहीं पता कि किसी तार में इलेक्ट्रिसिटी आ रही है या नहीं तो आप उस पर लाइन टेस्टर लगा कर चेक कर सकते हैं।
लेकिन लाइन टेस्टर का इस्तेमाल ज्यादा टाइट स्क्रू को खोलने के लिए नहीं किया जा सकता और ना ही उस पर किसी प्रकार से हथौड़े की चोट मारी जा सकती है अगर इस पर हथौड़े की चोट मारी जाए तो यह पूरी तरह से टूट जाएगा।
लाइन टेस्टर में एक प्रतिरोध लगा हुआ होता है जोकि के राड के साथ जुड़ा होता है इस प्रतिरोध का प्रतिरोध 1 मेगा ओम के आस पास होता है, और प्रतिरोध के दूसरी तरफ एक नियॉन बल्ब लगा होता है नियॉन बल्ब एक स्प्रिंग की मदद से अर्थ पॉइंट से जुड़ा हुआ होता है।
जैसे ही लाइन टेस्टर को किसी फेस के साथ टच कराया जाता है तो फिर राड के माध्यम से लाइन टेस्टर में आता है और दूसरी तरफ से हम छू लेते हैं जिससे अर्थ मिल जाता है और सर्किट पूरी हो जाती है।
जिससे नियॉन बल्ब चलकर यह बताता है कि वहां पर फेज सप्लाई आ रही है या नहीं।
टेस्ट लैंप
इलेक्ट्रीशियन के टूल्स के नाम के अंतर्गत टेस्ट लैंप आता है टेस्ट लैंप का प्रयोग किसी उपकरण को चेक करने के लिए किया जाता है कि उस उपकरण में इलेक्ट्रिसिटी की सप्लाई सही प्रकार से आ रही है या नहीं अगर आप किसी भी उपकरण की बॉडी में करंट चेक करना चाहते हैं।
कि उस उपकरण की बॉडी में करंट आ रहा है या नहीं इसका पता लगाने के लिए आप टेस्ट लैंप का ही इस्तेमाल करेंगे।
इसके लिए आपको एक वायर को अर्थिंग के साथ जोड़ देना होता है और दूसरे वायर को उस उपकरण की बॉडी पर लगा कर देखना होता है अगर टेस्ट लैंप का बल्ब जलता है।
तो इसका मतलब यह हुआ कि उपकरण की बॉडी में करंट आ रहा है और टेस्ट लैंप का प्रयोग हम किसी भी सर्किट की कन्टीन्यूटी चेक करने के लिए भी करते हैं कि सर्किट में पूरी तरह से बिजली आ रही है।
या नहीं इसके लिए हमें टेस्ट लैंप को उस सर्किट की सप्लाई के क्रम में सीरीज में लगाना पड़ता है।
सोल्डरिंग आयरन
इलेक्ट्रीशियन के टूल्स के नाम के अंतर्गत सोल्डरिंग आयरन आता है इसकी मदद से हम किन्ही 2 तारो को आपस में 90 प्रतिशत की चालकता के साथ जोड़ते है सोल्डरिंग आयरन में एक हीटिंग एलिमेंट होता है जो सप्लाई से कनेक्ट होता है।
जिससे सोल्डरिंग आयरन गरम होने लगता है फिर रांगा को सोल्डरिंग आयरन से गरम करते है जिससे रांगा पूरी तरह से पिघल जाता है और जहां पर जॉइंट होता है वह पर फ़ैल जाता है और ठंडा होकर एक अच्छे कंडक्टर की तरह से बेवहार करता है।
सोल्डरिंग आयरन अलग-2 साइज में आता है जिसमे से 25 वाट,65 वाट, 125 वाट और इससे भी अधिक वाट में आता है।
Pvc टेप
इलेक्ट्रीशियन के टूल्स के नाम के अंतर्गत Pvc टेप आता है यह pvc का बना एक टेप होता है Pvc टेप के एक साइड में गम लगा होता है इसकी साइज 1.8cm x 7m x 0.125mm होती है। जब कोई सप्लाई का वायर ओपन होता है तो यदि कोई उस ओपन वायर को छू लेता है तो उसको इलेक्ट्रिक शॉक लग जायेगा।
अब यदि उस ओपन वायर वाली जगह पर Pvc tape लगा देते है तो यदि उस वायर को कोई छूता है तो उसे इलेक्ट्रिक शॉक नहीं लगेगा।
Electric drill machine (इलेक्ट्रिक ड्रिल मशीन)
इलेक्ट्रीशियन के टूल्स के नाम के अंतर्गत इलेक्ट्रिक ड्रिल मशीन आता है इलेक्ट्रिक ड्रिल मशीन एक ऐसा औजार है जो आमतौर पर किसी ठोस धातु में या दीवाल में गोलाकार छेद बनाने के लिए उपयोग किया जाता है। इसमें एक बिट होता है।
जिसे हम ड्रिल बिट या रोटेटिंग टूल भी कहते है, जो आमतौर पर हाई स्पीड स्टील से बना होता है। ड्रिल बिट का साइज हमारे उपयोग पर निर्भर करता है।
इलेक्ट्रिक ड्रिल मशीन का उपयोग आमतौर पर लोहा सम्बंधित निर्माण के काम, लकड़ी के काम, भवन निर्माण सम्बंधित इत्यादि काम में गोलाकार छेद बनाने के लिए किया जाता है।
आमतौर पर इलेक्ट्रिक ड्रिल मशीन जो हाथ से संचालित होते है। यह हैंड टूल के अंतर्गत आता है।
वायर स्ट्रिपर्स
इलेक्ट्रीशियन के टूल्स के नाम के अंतर्गत वायर स्ट्रिपर्स आता है इसकी मदद से इलेक्ट्रिक केबल के ऊपर की pvc को हटाते है जिससे केबल/वायर का कंडक्टर एरिया उपयोग किया जा सके।
वायर स्ट्रिपर्स का साइज 7.25 inches (18.5 cm) होता है इससे वायर की pvc हटाने पर वायर में कोई कट नहीं आता है पर वही पर यदि आप कॉम्बिनेशन प्लायर से pvc को यदि आप हटाते है।
तो उससे वायर कट सकता है पर वायर स्ट्रिपर्स से वायर नहीं कटता।
मल्टीमीटर
इलेक्ट्रीशियन के टूल्स के नाम के अंतर्गत मल्टीमीटर आता है मल्टीमीटर एक ऐसा उपकरण है जो जिससे हम करंट, वोल्टेज, प्रतिरोध, कान्टिन्युटीआदि को मापने के काम में आता है।
पहले एनालॉग मल्टीमीटर प्रचलन में आये किन्तु इलेक्ट्रॉनिक के विकास के साथ आजकल डिजिटल मल्टीमीटर का उपयोग होने लगा है।
मल्टीमीटर के उपयोग से किसी उपकरण के जांच की जाती है की वह सही है या नहीं उस उपकरण को सप्लाई से जोड़ा जा सकता है या नहीं।
हाथ के दस्ताने
इलेक्ट्रीशियन के टूल्स के नाम के अंतर्गत हाथ के दस्ताने आता है हाथ के दस्ताने बिजली के झटके के खिलाफ श्रमिकों के लिए व्यक्तिगत हाथ की सुरक्षा प्रदान करते हैं, जब सबस्टेशन स्विचगियर और ट्रांसफार्मर सहित लाइव तारों, केबलों और बिजली के उपकरणों पर काम करते हैं।
तो यदि हाथ के दस्ताने को पहन कर काम करते है तो इलेक्ट्रिक शॉक का खतरा काफी काम होता है।
इलेक्ट्रिकल रबर इंसुलेटिंग ग्लव्स की प्रत्येक जोड़ी को IEC 60903 और EN 60903 मानकों का पालन करना चाहिए और इसके परिणामस्वरूप, प्रत्येक जोड़ी वोल्टेज, उम्र बढ़ने और यांत्रिक परीक्षण से गुजरती है।
इलेक्ट्रीशियन चाकू
इलेक्ट्रीशियन के टूल्स के नाम के अंतर्गत इलेक्ट्रीशियन नाइफ आता है इलेक्ट्रीशियन नाइफ यह दो ब्लेड वाला विशेष प्रकार का चाकू होता है।
इसका एक ब्लेड धार युक्त होता है जिसका उपयोग वैद्युतिक वायरिंग में तारों का इन्सुलेशन हटाने के लिए किया जाता है। और दूसरे ब्लेड का उपयोग इनमल्ड तार का इनमल साफ करने तथा अन्य तारों के सिरे साफ करने के लिए किया जाता है।
इलेक्ट्रीशियन नाइफ की हेल्प से इलेक्ट्रीशियन केबल की pvc को हटाता है।
हेक्सा
इलेक्ट्रीशियन के टूल्स के नाम के अंतर्गत हेक्सा आता है हेक्सा का मुख्य भाग उसका फ्रेम होता है जोकि माइल्ड स्टील का बना होता है और यह “C” आकार का होता है इसके एक सिरे पर फिक्स स्क्रू लगा होता है यही पर अंदर की ओर एक पिंन लगा होता है और बाहर की ओर एक हैंडल लगा होता है।
हेक्सा के दूसरे सिरे पर स्लाइडिंग स्क्रू लगा होता है जिसमें फ्रेम के अंदर की ओर पिन लगा होता है और बाहर की ओर एक फ्लाइनट लगा होता है।
ऊपर और नीचे के दोनों पिन में हेक्सा ब्लेड को फिट किया जाता है और फ्लाइनट की मदद से हेक्सा ब्लेड को टाइट कर दिया जाता है इससे ब्लेड पूरी तरह से फिक्स हो जाता है और हमारा हेक्सा कार्य करने के लिए तैयार हो जाता है।
निष्कर्ष
इस पोस्ट में मैंने इलेक्ट्रीशियन के टूल्स के नाम के बारे में बेहतर से बेहतर जानकारी देने की कोशिश की है और मुझे यह पूरा विश्वास है कि आपको यह पोस्ट जरूर पसंद आया होगा।
आपके मन में जो भी कंफ्यूजन होगी उसका समाधान आपको मिल गया होगा फिर भी आपके मन में यदि कोई प्रश्न है तो कमेंट बॉक्स में अपना विचार अवश्य प्रकट करें।
यह भी पढ़े।
1- वायरिंग में क्या-2 सामान लगता है?
2- ट्यूबलाइट में चोक क्यों लगाते है?
अब भी कोई सवाल आप के मन में हो तो आप इस पोस्ट के नीचे कमेंट करके पूछ सकते है या फिर इंस्टाग्राम पर “rudresh_srivastav” पर भी अपना सवाल पूछ सकते है।
अगर आपको इलेक्ट्रिकल की वीडियो देखना पसंद है तो आप हमारे चैनल “target electrician“ पर विजिट कर सकते है। धन्यवाद्
इलेक्ट्रीशियन के टूल्स के नाम से सम्बंधित महत्वपूर्ण प्रश्न और उत्तर (Mcq)-
1- इलेक्ट्रीशियन टूल्स कितने प्रकार के होते हैं?
इलेक्ट्रीशियन के कई प्रकार के टूल होते हैं उसके अंतर्गत जैसे कांबिनेशन प्लायर, स्क्रू ड्राइवर, नोज प्लायर, वायर स्ट्रिपर, लाइन टेस्टर, पीवीसी टेप, मल्टीमीटर, टेस्ट लैम्प, सोल्डरिंग आयरन आदि।
2- इलेक्ट्रीशियन में क्या काम होता है?
इलेक्ट्रिशियन का अर्थ “विद्युतकार” होता है इससे यह स्पष्ट होता है कि विद्युत का कार्य करने वाले को हम इलेक्ट्रिशियन कहते हैं इसका कार्य विद्युत से चलने वाली मशीन जो भी हो उनकी मरम्मत उनकी देखभाल करना उनका रखरखाव इलेक्ट्रीशियन के द्वारा किया जाता है।
3- 3 फेज में तार क्या होते हैं?
1 फेज सिस्टम में फेज, न्यूट्रल, अर्थ होता है और 3 फेज सिस्टम में RYB (लाल, पीला, और नीला) होता है
4- 3 प्रकार के तार कनेक्शन क्या हैं?
1 फेज सिस्टम में फेज, न्यूट्रल, अर्थ का कनेक्शन होता है और 3 फेज सिस्टम में RYB (लाल, पीला, और नीला) तार का कनेक्शन होता है।
5- बिजली का काम कैसे सीखे?
इलेक्ट्रिशियन का काम करने से पहले इसकी पूरी तरह से पढ़ाई करनी चाहिए और फिर आपने जो पढ़ाई के दौरान पढ़ा है उसकी प्रैक्टिकल ट्रेनिंग करनी चाहिए जो इलेक्ट्रिकल का जानकार हो उसके संरक्षण में।