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Type of fuse | फ्यूज कितने प्रकार के होते है

Type of fuse | फ्यूज कितने प्रकार के होते है

Type of fuse के अंतर्गत अलग-2 फ्यूज आते है जो उपकरणों को सुरक्षा देने के लिए प्रयोग किये जाते है जब अत्यधिक धारा बहने लगती है तो उस समय यह उपकरणों को सुरक्षा देता है fuse उच्च प्रतिरोध और निम्न गलनांक का होना चाहिए, fuse की क्षमता को एम्पियर में नापते है।

फ्यूज को सीरीज में लगाया जाता है, जब अत्यधिक धारा बहने लगती है तो फ्यूज ब्रेक होकर धारा को रोक देता है, जिससे उपकरणों में बहने वाली हाई वोल्टेज की धारा रुक जाती है, और उपकरणों को सुरक्षा मिलती है इसलिए फ्यूज का उपयोग किया जाता है। फ्यूज एक यंत्र डिवाइस है जो धारा को रोकने का काम करता है।

फ्यूज को फेज वायर के साथ श्रेणी क्रम में लगाया जाता है ओवर लोड, शॉर्ट सर्किट के समय जब धारा का प्रवाह बहुत अधिक बढ़ जाता है जब एक निर्धारित मान से अधिक धारा बहने लगती है तो Fuse wire पिघल जाता है इस कारण उपकरणों में बहने वाली धारा शून्य हो जाती है जिससे उपरकरण जलने से या खराब होने से बच जाता है।

नोट- electrical fuse की खोज 1890 में थामस एलीवा एडिसन ने की थी।

Type of fuse

 

What is fuse in hindi? | फ्यूज क्या है?

बिजली का कोई भी उपकरण हो उसमें यदि इलेक्ट्रिसिटी का flow होगा तभी वह जिस कार्य के लिए बनाई गई है वह कार्य हो पाएगा, जो विद्युत के उपकरण होते हैं उनमें समय-2 पर समस्याएं आती रहती है जिसमें से सबसे कॉमन समस्या करंट का ज्यादा होना होता है अब यदि उस उपकरण में किसी कारण से करंट बढ जाती है तो उस उपकरण में या सर्किट में आग लग सकती है या वह उपकरण खराब हो सकता है तो उस उपकरण को इस बढ़ने वाली करंट से सुरक्षा देने के लिए हम अलग-2 type of fuse का उपयोग करते हैं।

जैसे ही उस उपकरण में करंट बढ़ती है और इस कारण से उसमें कोई फाल्ट आए उससे पहले उसकी सप्लाई ऑटोमेटिक कट जानी चाहिए, तभी उस उपकरण की सही ढंग से सुरक्षा हो पाएगी । चूकी fuse से हो कर के ही करंट उस उपकरण में जाता है इसीलिए fuse हर समय करंट की निगरानी करता रहता है और जैसे ही करंट बढ़ती है तुरंत fuse मेल्ट हो जाता है पिघल जाता है और उस उपकरण में जाने वाली करंट बंद हो जाती है हम इसको ऐसा भी कह सकते हैं की “फ्यूज किसी सर्किट का सबसे कमजोर हिस्सा होता है”

Fuse किस धातु का बना होता है:- fuse मुख्यत: तांबा, चांदी, एल्यूमीनियम, जस्ता, पिन, लेड, इन धातुओं को एक अनुपात में मिला कर बनाया जाता है।

How many type of fuse? | फ्यूज कितने प्रकार का होता है?

1- किट कैट फ्यूज, 2- राउंड फ्यूज, 3- कार्टि्ज फ्यूज, 4- प्लग टाइप फ्यूज, 5- HRC फ्यूज

kitkat fuse 1- किट कैट फ्यूज – Type of fuse इस fuse में दो भाग होते है जिसमें से एक होता है fuse base जो कि फिक्स होता है सप्लाई के वायर इसी में लगते हैं और दूसरा होता है fuse career यह मूवेबल पार्ट होता है इसी में fuse वायर बांधते हैं जब सर्किट में ज्यादा करेंट बहती है और उसका मान fuse की कैपेसिटी से ज्यादा हो जाता है तो उसमें लगा fuse वायर गर्म होकर पिघल जाता है और सर्किट ओपन हो जाती है जिससे सर्किट में करंट का बहना रुक जाता है।

यह fuse चीनी मिटटी का बना होता है यह सस्ता होता है इसलिए इसे घरो में ज्यादा उपयोग किया जाता है यह fuse 5 amp/250 volt और 15 amp/250 volt का उपयोग किया जाता है इंडस्ट्री में 300 amp/440 volt के fuse use किये जाते है इसमें 37% शीशा और 63% टिन का उपयोग किया जाता है।

glass fuse

2- राउंड फ्यूज – यह भी type of fuse के अंतर्गत आता है यह गोल आकर का fuse होता है और बैकेलाइट का बना होता है इसमें 2 पार्ट होते है आधार और कवर आधार पर 2 fix वाले पेंच टर्मिनल लगे होते है इन्ही दोनों पेचों के बिच में fuse वायर बंधा होता है इस टाइप के fuse को बदलने में बहुत समस्या आती है क्योंकि इस fuse के एक टर्मिनल पर फेज वायर हमेशा कनेक्ट रहता है जिस कारण से fuse वायर बदलने में शॉक लगने का खतरा बना रहता है।

Cartridge fuse

3- कार्टि्ज फ्यूज – यह भी type of fuse के अंतर्गत आता है यह fuse पूरी तरह से सील बंद होता है और इसी सील बंद होने के कारण इस पर वातावरण का कोई प्रभाव नहीं पड़ता है इसी कारण से इसका fusing करेंट स्थिर रहता है इसमें इंसुलेटिंग मटेरियल का उपयोग किया जाता है इसका आकर बेलनाकार होता है और इसके दोनों सिरों पर पीतल या ताम्बे की कैप लगी होती है इन्ही दोनों कैप के बीच में fuse वायर बंधा होता है इसमें fuse वायर जहां पर बंधा होता है वहां पर पाउडर भरा होता है जिससे उपयोग होने वाली सामग्री क्वार्टज, प्लास्टर ऑफ पेरिस, धूल, मार्बल, चाक आदि है।

क्र०सं०           धातु                   ‌‌‌‌गलनांक (फारेनहाइट/सेल्सियस में)

1-                 तांबा                             2000/1093

2-                 चांदी                            1830/999

3-             एल्यूमीनियम                     1243/673

4-               एंटी मनी                         833/445

5-                 जस्ता                           783/417

6-                 सीसा                           625/329

7-                  टिन                            464/240

जोकि फ्यूज के जलने पर जो चिंगारी फैलती है यह पाउडर उसे रोकता है फ्यूज के ऊपर एक इंडिकेटर लगा होता है जब फ्यूज सही होता है तो फ्यूज के इंडिकेटर में सफेद निशान होता है और जब फ्यूज जल जाता है तो वहां पर काला निशान आ जाता है इस निशान को देखकर यह पता लग जाता है की फ्यूज सही है या ओपन हो गया है इस फ्यूज की कीमत अधिक होती है इसीलिए इसका उपयोग काफी काम किया जाता है।

HRC fuse

4- HRC फ्यूज – यह भी type of fuse के अंतर्गत आता है इस HRC का पूरा नाम (हाई रप्चरिंग कैपेसिटी फ्यूज) इसका आकर कार्टि्ज फ्यूज के जैसा ही होता है यह कांच/पोर्सलीन का बना होता है यह फ्यूज ओवर लोड और शार्ट सर्किट में करंट को कुछ समय तक सहन कर लेता है पर यदि यह करंट ज्यादा समय तक रहे तो फ्यूज ओपन हो जाता है इसके अंदर पाउडर भरा होता है जिससे उपयोग होने वाली सामग्री क्वार्टज, प्लास्टर ऑफ पेरिस, धूल, मार्बल, चाक आदि है। इसके साथ-साथ यह एयर टाइट भी होता है जिस कारण से इस फ्यूज पर वातावरण का कोई प्रभाव नहीं पड पाता है।

fuse wire

 

How to make fuse wire? | फ्यूज का वायर कैसे बनता है?

फ्यूज वायर को हमेशा फेज वायर के सीरीज में लगाते है जो फ्यूज वायर सामान्य रूप से उपयोग होते है उसमें लेड 65% और टिन 37% होता है फ्यूज वायर में एक खास बात होती है की उसका गलनांक बहुत कम होता है जब सर्किट में करेंट फ्यूज के मान से ज्यादा फ्लो होती है तो फ्यूज वायर तुरंत पिघल जाता है जिससे सर्किट में करंट का फ्लो रुक जाता है जिसकी वजह से सर्किट सुरक्षित बच जाती है नीचे जिन धातुओं के बारे में बताया गया है उनसे फ्यूज बनाया जाता है।

क्र०सं०           धातु                   ‌‌‌‌गलनांक (फारेनहाइट/सेल्सियस में)

1-                 तांबा                              2000/1,093

2-                 चांदी                              1830/999

3-             एल्यूमीनियम                       1243/673

4-               एंटी मनी                           833/445

5-                 जस्ता                             783/417

6-                 सीसा                             625/329

7-                  टिन                               464/240

Fuse कैसे काम करता है?

किसी सर्किट को बनाने के लिए कुछ उपकरणों की आवश्यकता होती है जिसमें केबल, स्विच, फ्यूज, इक्विपमेंट, और इसके साथ फेज और न्यूट्रल होते है अब फेज स्विच से होकर फ्यूज जो की फेज के सीरीज में लगा होता है से होकर इक्विपमेंट तक पहुँचता है इस बीच में यदि कोई प्रॉब्लम होती है जैसे ओवर लोड, शार्ट सर्किट, अर्थ फाल्ट तो इसमें सर्किट का सबसे कमजोर हिस्सा फ्यूज ओपन हो जाता है फ्यूज में लगा वायर पिघल जाता है और सर्किट में सप्लाई जाना रुक जाती है और सर्किट सुरछित बच जाती है।

नोट- यह भी पढ़े सोलर सिस्टम कितने प्रकार का होता है।

1- सोलर सिस्टम कितने प्रकार का होता है

2- 100 वाट बल्ब का क्या मतलब होता है?


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