VFD अपनी इनपुट सप्लाई की फ्रीक्वेंसी को कम ज्यादा करके मोटर की स्पीड को कंट्रोल करता है क्योकि VFD का fullform (Variable Frequency Drive) होता है।
कोई मोटर सिंगल फेज की हो या थ्री फेज की उससे बेस्ट परफॉर्मेंस यदि आप को लेना है तो उस मोटर को VFD से चलना चाहिए। VFD के उपयोग से मोटर से हम जैसा चाहे वैसा काम ले सकते है।
घर में motor की जरूरत तो होती ही है चाहे वह वाटर पंप के लिए हो या फिर कोई दूसरे काम के लिए हो motor हर घर में देखने को मिल जाती है।
और बहुत से लोग motor को चलाने के लिए MCB, DP Switch या Starter इस तरह के उपकरणों का प्रयोग करते हैं लेकिन काफी जगह पर आपने VFD लगा हुआ देखा होगा।
VFD क्यों लगाते है?
कोई भी मोटर स्टार्टिंग के समय बहुत अधिक करंट लेती है लगभग 6 से 7 गुना जिसकी वजह से मोटर की वाइंडिंग के जलने का खतरा होता है इससे बचने के लिए DOL स्टार्टर, स्टार डेल्टा स्टार्टर, ON लाइन स्टार्टर का उपयोग किया जाता है।
ऐसा करके हम धारा को तो कंट्रोल कर लेते हैं लेकिन मोटर अपने फुल स्पीड में अचानक से चलता है जिसकी वजह से मोटर से जुड़े बेअरिंग और मशीन में यांत्रिक क्षति होने की संभावना होती है।
ऐसी स्थिति में अगर हम यहां पर VFD को लगाते हैं तब हम आसानी से इन सभी समस्याओं से बच सकते हैं और इसके लिए हमे किसी प्रकार के जटिल परिपथ का भी निर्माण नही करना पड़ता है।
जहां लोड बदलता रहता है या बार-बार मोटर को बंद और चालू करना पड़ता है तो ऐसे जगह पर VFD का प्रयोग अधिक किया जाता है।
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1- सिंगल फेज की मोटर का कनेक्शन कैसे होता है?
2- मेरे बिजली के बिल में पावर फैक्टर क्या है?
VFD क्या है और इसका कार्य क्या है?
सबसे पहले VFD को AC सप्लाई दी जाती है तब यह उसे रेक्टिफायर की मदद से AC को DC में बदल देता है और फिर यह DC पावर आगे फिल्टर सेक्शन में जाती है।
देखिये हम AC सप्लाई में परिवर्तन नहीं कर सकते क्योकि AC सप्लाई में फ्रीक्वेंसी होती है इसी लिए इसमें परिवर्तन करना काफी कठिन है पर यदि एक बार AC सप्लाई को DC सप्लाई में बदल दिया गया।
अब चूँकि DC सप्लाई में फ्रीक्वेंसी नहीं होती केवल एक सीधी लाइन होती है तो चूँकि हम जानते है की टेढ़ी मेढ़ी लाइन में परिवर्तन करना कठिन है पर सीधी लाइन को हम जैसे चाहे मोड़ सकते है
तो DC सप्लाई की सीधी लाइन को हम अपनी जरुरत के अनुसार फ्रीक्वेंसी में बदल लेते है।
यहां से डिमांड को पूरा करने के लिए आवश्यक पावर इन्वर्टर में जाती है यहाँ इनवर्टर DC को जरूरत के अनुसार परिवर्तित फ्रीक्वेंसी के साथ AC में बदलकर मोटर को दे देता है।
VFD मोटर की स्पीड को कैसे कण्ट्रोल करता है?
VFD लगाने का फ़ायदा
- VFD लगाने से पावर फैक्टर नहीं गिरता है।
- VFD के उपयोग से मोटर में होने वाले लगभग सभी प्रकार के दोषों से सुरक्षा मिल जाती है। जैसे- शार्ट सर्किट, अर्थ लीकेज, ओवर लोड, सिंगल फेसिंग, ओवर लोड प्रोटेक्शन, फेज असंतुलन, वोल्टेज फ्लक्चुएशन, ओवर वोल्टेज,
- VFD की सहायता से हम मोटर को आसानी से कम स्पीड के साथ चालू और बंद कर सकते है। जिससे टूट फूट होने की संभावना बहुत कम हो जाती है।
- VFD लगाने के बाद हमें अलग से कोई भी स्टार्टर या स्पीड कंट्रोलर लगाने की कोई जरुरत नहीं होती है।
- VFD की सहायता से मोटर को उल्टा और सीधा चलाया जा सकता है बिना कनेक्शन को बदले।
- VFD विद्युत ऊर्जा की बहुत बचत करता है।
- यदि आप स्टार्टर से मोटर को चला रहे हो और उसे replace करके vfd लगाते है तो vfd को खरीदने की कीमत आप vfd से एनर्जी सेविंग करके 1 साल में निकाल लेंगे।
- VFD का प्रयोग मशीनों की Frequency, Voltage और RPM को कंट्रोल करने में किया जाता है जब हम मोटर को स्टार्टर से स्टार्ट करते है तो मोटर एक जर्क के साथ स्टार्ट होती है पर कभी-2 मोटर को हमें स्मूथ स्टार्ट करने की जरुरत होती है तो वह स्मूथ स्टार्ट हमें VFD से ही मिल सकता है VFD मोटर को मिलने वाले current को स्मार्ट तरीके से कंट्रोल करता है जिससे मोटर का जीवनकाल बढ़ जाता है।
- VFD दो प्रकार के होते है AC VFD और DC VFD
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1- 3 फेज को मोटर से कैसे कनेक्ट करें?
VFD लगाने का नुकसान
- VFD काफी महंगा होता है।
- VFD की वजह से हार्मोनिक उत्पन्न होता है।
- VFD लगाने से मोटर में वाइब्रेशन बढ़ जाता है।
- वाइब्रेशन बढ़ने से शोर बढ़ता है।
- VFD से केबल गर्म होने लगती है।
- VFD से मोटर की अधिक से अधिक दूरी 500 मीटर तक ही रखी जा सकती है।
AC VFD
AC Vfd कुछ इस प्रकार से काम करता है की जब हम VFD के अंदर AC सप्लाई देते है तो यह AC VFD उस AC लाइट को DC में बदल देता है और फिर उस DC को AC में बदल देता है लेकिन जब DC को AC में बदलता है।
तब यह AC VFD Frequency और Voltage दोनों को बदल देता है और यही बदलाव Motor की Speed को बदल देती है।
Speed हमेशा Frequency के समानुपाती होती है तो जैसे ही Frequency बढ़ेगी उसी तरह मोटर की स्पीड भी बढ़ जाएगी और जैसे ही Frequency कम होगी स्पीड भी कम हो जायेगी।
DC VFD
DC Vfd से मोटर की स्पीड को कंट्रोल करना होता है डीसी सप्लाई में फ्रीक्वेंसी नहीं होती है इसीलिए DC मोटर के अंदर स्पीड को कंट्रोल करने के लिए आर्मेचर वाइंडिंग और फील्ड वाइंडिंग के अंदर जो वोल्टेज और करंट जा रहे होते हैं।
उनको कम ज्यादा करके डीसी मोटर की स्पीड को कम या फिर ज्यादा किया जाता है।
इसके साथ-2 VFD के अंदर वोल्टेज को सेट करके रखा जाता हैं और कुछ सेफ्टी भी इसके अंदर दी जाती है।
VFD के मुख्य भाग
VFD के अंदर मुख्यतः तीन भाग होते है।
रेक्टिफिएर यूनिट-
जब हम 3 फेज AC पावर सप्लाई VFD में देते हैं तो सबसे पहले रेक्टिफायर सेक्शन में रेक्टिफायर सर्किट होता है जो Ac को Dc में बदलता है।
फ़िल्टर यूनिट-
इसमें capacitor होता है जो Dc से उत्पन्न रिपल्स को ख़तम करता है , क्योंकि जब Ac को रेक्टिफायर सेक्शन में डायरेक्ट करंट में बदलते है तो ये पूरी तरह से Dc में नहीं बदलता है, इसीलिए कुछ रिपल्स उत्पन्न होते है।
इन्वर्टर यूनिट-
इसमें फ़िल्टर यूनिट से शुद्ध Dc आता है, जिसमे Dc को Ac में बदला जाता है। जो फिर हमे आउटपुट पर मिलता है।
VFD और मोटर स्टार्टर में क्या अंतर है?
यदि आप स्टार्टर से मोटर को चलाते है या सप्लाई देते है तो मोटर एक ज़र्क (झटका) के साथ स्टार्ट होती है इस तरह से मोटर जब स्टार्ट होती है तो इसे हम मोटर का नार्मल तरीके से स्टार्ट होना कहते है।
इस तरह जब हम मोटर को स्टार्ट करते है तो वह मोटर जिस काम को कर रही है वह कोई विशेष वर्क नहीं होगा परन्तु कही- 2 पर मोटर को स्मूथ तरीके से स्टार्ट और स्टॉप करना होता है।
मोटर को कुछ सेकंड तक चला कर बंद करना होता है या कुछ स्पेशल टाइप का ऑपरेशन लेना होता है तो उस जगह पर हम VFD का उपयोग करते है।
VFD से हम जैसा चाहे वैसा ऑपरेशन ले सकते है। मगर आप स्टार्टर से यदि मोटर चलाते है तो आप इस तरह का ऑप्रेशन आप नहीं ले सकते।
VFD को कहाँ पर लगाते है?
VFD को उस स्थान पर लगाते जहा पर मोटर को किसी स्पेशल आपरेशन के लिए चलाना होता है जैसे मोटर को हाफ राउंड है घूमना हो या किसी स्पेशल एंगल पर मोटर को चलाना हो।
पूरा आपरेशन आटोमेटिक करना हो या एनर्जी सेविंग करनी हो। किसी जगह पर मोटर बार-2 जल जाती हो तो उसे जलने से बचाने के लिए VFD का उपयोग करते है।
Vfd बनाने वाली प्रमुख कंपनी
- Abb Ltd.
- American Electric TechnologiesInc.
- Amtech Electronics India Ltd.
- Crompton Greaves Ltd
- Danfoss
- EatonCorp.
- Emerson Industrial Automation
- Fuji ElectricCo. Ltd
- Ge Energy Power Conversion
- Hitachi Ltd.
- Alen Bradley
निष्कर्ष
यहाँ से मै यह निष्कर्ष निकाल सकता हूँ की आप को VFD full form, VFD working principle, VFD क्या है और इसका कार्य क्या है? को विस्तार से समझ गए होंगे इस पोस्ट से काफी जानकारी मिल गई होगी की यदि आप मोटर को सप्लाई देनी है
और यदि आप ये सोच रहे है की आपके मोटर की लाइफ अच्छी रहे, एनर्जी सेविंग भी हो, पावर फैक्टर अच्छा रहे, मोटर को जैसे चाहे जैसी जरुरत हो वैसा ऑप्रेशन ले पाए तो इसके लिए आप VFD का उपयोग कर सकते है।
नोट- यह भी पढ़े।
1- इन्वर्टर में बैटरी का कनेक्शन
2- सौर पैनल के 3 प्रकार क्या हैं?
अब भी कोई सवाल आप के मन में हो तो आप इस पोस्ट के नीचे कमेंट करके पूछ सकते है या फिर इंस्टाग्राम पर “rudresh_srivastav” पर भी अपना सवाल पूछ सकते है।
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VFD क्या है और इसका कार्य क्या है? से सम्बंधित महत्वपूर्ण प्रश्न और उत्तर (Mcq)-
1- VFD कैसे काम करता है?
VFD सबसे पहले Ac सप्लाई को Dc में बदलता है और फिर उस Dc सप्लाई को Ac में बदलकर देता है। फिर VFD के माध्यम से हम मोटर के Rpm को अपने अनुसार कम व ज्यादा कर सकते हैं।
2- हम वीएफडी का उपयोग क्यों करते हैं?
VFD का फुल फॉर्म होता है वेरिएबल फ्रिकवेंसी ड्राइव मतलब इसके माध्यम से हम Ac सप्लाई की फ्रीक्वेंसी को मैनेज करके मोटर की स्पीड को घटा व बढ़ा सकते हैं।
3- वीएफडी कितने प्रकार के होते हैं?
सामान्य रूप से VFD तीन प्रकार के होते हैं जिसमें से पहला वोल्टेज सोर्स इनवर्टर (VSI), दूसरा करंट सोर्स इनवर्टर (CSI),और तीसरा पल्स विड्थ मॉड्यूलेशन इनवर्टर (PWM)
4- वीएफडी के 4 भाग क्या हैं?
VFD के सबसे प्रमुख चार भाग जिसमें से पहला रेक्टिफायर, दूसरा Dc बस/फिल्टर, तीसरा इनवर्टर और चौथा कंट्रोल यूनिट होता है।
Best knowledge
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