परिभाषा :- Resistance in hindi किसी पदार्थ का वह गुण होता है जो कि विद्युत धारा के प्रवाह में अवरोध उत्पन्न करता है उसे प्रतिरोध कहते है।
प्रतिरोध को मापने इकाई ओम है।
“वह प्रतिरोध जिसमें से एक एम्पीयर का स्थिर मान का करंट बहने पर एक जूल प्रति सेकेंड की दर से ताप उत्पन्न होता है, तो इसको 1 ओह्म का रजिस्टेंस कहते है।”
इसको R से प्रदर्शित करते है Resistance in hindi को मापने की इकाई Ohm Ω होती है।
इसमें दो word होते हैं resistance और resistor इसमें बस इतना अन्तर है कि resistance एक राशि है।
और resistor resistance पैदा करने वाली device होती है परन्तु इन दोनो का मतलब प्रतिरोध ही होता हैं।
प्रतिरोध निकलने का फार्मूला-
R= V/I
R= Resistance in hindi
V= Voltage
I= Current
How to calculate resistance in hindi | प्रतिरोध का मान कैसे निकाले
Resistance in hindi का मान निकालने के लिए हमारे पास 3 तरीके हैं।
इसमें से पहला है ओम का नियम और दूसरा है रजिस्टेंस का कलर बैंड इससे रजिस्टेंस के मान को कैलकुलेट किया जाता है।
और तीसरा होता है मल्टीमीटर को हम रजिस्टेंस पर सेट करके रजिस्टेंस की वैल्यू निकलते है।
इसे भी पढ़े- Elcb और Rccb में क्या अंतर है?
How to affect resistance value | प्रतिरोध को प्रभावित करने वाले कारक
Resistance in hindi का मान तापमान बढ़ने से बढ़ता है और तापमान घटने से कम होता है।
यानी इस पर तापमान का बहुत ज्यादा प्रभाव पड़ता है। प्रतिरोध का मान तार की लंबाई, मोटाई और चौड़ाई पर भी निर्भर करता है।
तार की मोटाई बढ़ने पर रजिस्टेंस का मान कम होता है और लंबाई बढ़ने पर रजिस्टेंस का मान बढ़ता है।
किसी भी material का Resistance in hindi उसकी leanth के अनुरूप होता है
किसी चालक का विशिष्ट प्रतिरोध उसमें उपस्थित इलेक्ट्रॉनों की संख्या के व्युत्क्रमानुपाती होता है। हर धातु का रजिस्टेंस अलग-अलग होता है।
जैसे चांदी तांबा एलुमिनियम लोहा प्लास्टिक रबड़ इनका प्रतिरोध अलग-अलग होता है। कुछ जैसे-जैसे आर्गन हिलियम इनका तापमान बढ़ने पर प्रतिरोध कम होता है।
Type of resistance in hindi | रजिस्टेंस कितने प्रकार के होते हैं
Resistor मुख्यतः दो प्रकार के होते हैं।
1-Fixed resistor
2-Variable resistor
1- Fixed resistor – इसका Resistance value निश्चित होता हैं।
2- Variable resistor – इसके Resistance value काम ज्यादा किया जा सकता हैं।
1- Fixed Resistor – इस रजिस्टेंस का मान निश्चित होता हैं जिस सर्किट में निश्चित मान वाले Resistance in hindi की जरूरत पड़ती हैं वहां फिक्स रजिस्टर का उपयोग करते हैं।
इसके प्रतिरोध का मान निश्चित इसलिए होता हैं क्योंकि फिक्स रजिस्टर बनाते समय इसका मान निर्धारित कर दिया जाता हैं इसमें 2 पिन होती हैं।
2- Variable Resistor – वेरिएबल रजिस्टर वो रजिस्टर होते हैं जिनका मान बढ़ाया घटाया जा सकता हैं इसमें रजिस्टर के Resistance in hindi को जरुरत के अनुसार कम व ज्यादा किया जा सकता हैं।
इनकी नोब को घुमा करके इसके मन को सेट किया जाता है उसी से इसका मान fixed करते हैं इसका उपयोग टेलीविजन में किया जाता हैं यह 2 पिन (टर्मिनल) और 3 पिन के होते हैं।
Combination of resistance | प्रतिरोध का समायोजन
प्रतिरोध का समायोजन 2 प्रकार से किया जाता है। जिसमे से पहला सीरीज और दूसरा पैरेलल होता है।
श्रेणी क्रम संयोजन-
प्रतिरोध को इस तरह से संयोजित किया जाए कि उनमें धारा का मार्ग केवल एक ही रहे।
ऐसा संयोजन को श्रेणी क्रम संयोजन कहा जाता है। चित्र में प्रतिरोध R1, R2, R3 को श्रेणीबद्ध दिखाया गया है और इसमें वोल्टेज (V) पर धारा (I) प्रवाहित हो रही है।
R = R1 + R2 + R3
विभिन्न प्रतिरोधों पर वोल्टतापात = V1, V2,V3
कुल वोल्टता विभिन्न वोल्टतापात के तुल्य होती है।
V=V1+V2+V3
V = IR
समान्तर क्रम संयोजन-
जब दो या दो से अधिक Resistance in hindi को इस प्रकार से संयोजित किया जाए कि उनका एक सिरा एक साथ तथा दूसरा सिरा समान्तर में एक साथ जुड़ा हो तो इस प्रकार का संयोजन को समान्तर क्रम संयोजन कहा जाता है।
तीन प्रतिरोध R1, R2 तथा R3 समान्तर क्रम में में जोड़े गए है इनका प्रयुक्त वोल्टता V से संयोजित हैं।
I = धारा
I1, I2, I3 प्रतिरोध R1, R2, R3 में क्रमशः करंट का मान है।
ओह्म के नियमानुसार,
I=V/R
Effect of Temperature on resistance in hindi | प्रतिरोध पर तापमान का प्रभाव
शुद्ध धातु जैसे तांबा, चांदी, सोना आदि का प्रतिरोध तापमान बढ़ाने पर बढ़ता है, इसीलिए इनका प्रतिरोध तापक्रम गुणांक धनात्मक (+) होता है।
मिश्र धातुओं का तापक्रम बढ़ाने पर Resistance in hindi बहुत कम बढ़ता है। जैसे- मैग्नीन, जर्मन सिल्वर आदि।
अर्द्धचालकों का प्रतिरोध ताप वृद्धि के साथ घटता है, और ताप काम होने के साथ बढ़ता है। ऐसे पदार्थों का प्रतिरोध तापक्रम गुणांक ऋणात्मक (-) होता है।
प्रति ओम प्रति °C प्रतिरोध में परिवर्तन को प्रतिरोध तापक्रम गुणांक कहते हैं। यह परिवर्तन के अनुसार धनात्मक (+) तथा ऋणात्मक (-) प्रकार का होता है।
कलर कोड देखकर रजिस्टेंस का पता कैसे करे
किसी Resistance in hindi का मान दर्शाने के लिए उसके ऊपर रंगों की तीन पट्टी या या धारियां बना दी जाती है।
इन रंगों के अलावा एक और पट्टी भी बनाई जाती है जिसे टॉलरेंस रिंग कहते हैं यह रिंग सुनहरी या सिल्वर रंग की होती है सुनहरी रिग का अर्थ है।
समय के साथ या गर्मी से रजिस्टेंस का मान 5% कम या बढ़ सकता है।
सिल्वर रंग की पट्टी वाली रजिस्टैंसो का 10% जिन पर ऐसी कोई पट्टी ना होकर सिर्फ खाली स्थान हो उनका मान 20% कम या बढ़ सकता है।
इस प्रकार 5% वाले सबसे बढ़िया वह 20% वाले सबसे घटिया रजिस्टेंस होते हैं।
नीचे दिए गए स्लोगन से आप रजिस्टेंस के कलर कोड से रजिस्टेंस की वैल्यू निकल सकते है।
कैपिटल लेटर | कलर | कोड नंबर | मल्टीपल | टॉलरेंस रिंग कलर | टॉलरेंस |
B | Black | 0 | 100 | Gold | +/- 5% |
B | Brown | 1 | 101 | Silver | +/- 10% |
R | Red | 2 | 102 | No Color | +/- 20% |
O | Orange | 3 | 103 | ||
Y | Yellow | 4 | 104 | ||
G | Green | 5 | 105 | ||
B | Blue | 6 | 106 | ||
V | Violet | 7 | 107 | ||
G | Grey | 8 | 108 | ||
W | White | 9 | 109 | ||
– | Gold | – | 0.1 | ||
– | Silver | – | 0.01 |
प्रतिरोध का मान कैसे मालूम किया जाता है।
दिए गए Resistance in hindi को इस प्रकार पकड़ो की उसकी टॉलरेंस पट्टी राइट हैंड पर हो। और लेफ्ट हैंड पर क्रमानुसार पहले, दूसरे, व तीसरे, रंगो को नोट कर ले।
इन रंगो के मन को नीचे लिखे सूत्र में प्रयोग करो तो आपको Resistance in hindi का मान पता चल जायेगा।
[(पहला रंग×10)+ दूसरा रंग]×(10) तीसरा रंग
उदाहरण- मान लो एक Resistance in hindi का पहला रंग पीला है, दूसरा जामुनी, और तीसरा रंग संतरी है तो रजिस्टेंस का मान क्या होगा।
पहला रंग= पीला- मान = 4
दूसरा रंग= जामुनी- मान = 7
तीसरा रंग= संतरी- मान = 3
रजिस्टेंस का मान= [(4×10)+7]×103
= [40+7]×103
= 47×103
= 47000 या 47 KΩ
→ एक अन्य तरीके से Resistance in hindi का मान निकालने के लिए पहले पीला का मान = 4 लिखो, फिर जामुनी का मान = 7 लिखो, और फिर तीसरा रंग संतरी (जिसका मान 3 है) तो उसके आगे 3 शून्य l
Power rating of resistance | रजिस्टेंस की पावर रेटिंग
कोई भी रजिस्टेंस बिना खराब हुए, कितना करंट अपने में से गुजार सकता है।
यह उसकी पावर से पता चलता है दूसरे शब्दों में कहें तो रजिस्टेंस की पावर रेटिंग उस अधिक से अधिक करंट के बारे में बताता है, जिसके गुजरने से रजिस्टेंस सुरक्षित रहता है।
एक रजिस्टेंस की पावर उसमें से निकल रहे करंट के वर्ग व उसके रजिस्टेंस के गुणनफल के बराबर होता है।
रजिस्टेंस को पावर= (करंट)2×(रजिस्टेंस)
P= I2R
निष्कर्ष
दोस्तों इस पोस्ट को पढ़कर आप रजिस्टेंस क्या होता है जान गए होंगे। और कलर कोड से रजिस्टेंस का मान कैसे निकालते है समझ गए होंगे।
फिर भी कोई confusion है तो आप कमेंट में बताये मैं आपकी confusion को जरूर दूर करूँगा।
नोट- यह भी पढ़े।
1- हीटर का सप्लाई वायर गरम क्यों नहीं होता?
2- इलेक्ट्रिकल वायरिंग में क्या-2 सामान लगता है।
3- इलेक्ट्रीशियन के टूल्स के नाम।
4- इलेक्ट्रिकल काम में सुरक्षा।
7- VFD क्या है इसकी पूरी जानकारी।
8- MCB कितने प्रकार की होती है।
अब भी कोई सवाल आप के मन में हो तो आप इस पोस्ट के नीचे कमेंट करके पूछ सकते है या फिर इंस्टाग्राम पर “rudresh_srivastav” पर भी अपना सवाल पूछ सकते है।
अगर आपको इलेक्ट्रिकल की वीडियो देखना पसंद है तो आप हमारे चैनल “target electrician” पर विजिट कर सकते है। धन्यवाद्
रजिस्टेंस से सम्बंधित महत्वपूर्ण प्रश्न और उत्तर (Mcq)-
1- रजिस्टेंस का क्या काम होता है?
यह किसी इलेक्ट्रिक सर्किट में करंट को फ्लो होने से रोकता है।
“जब किसी चालक में से करंट का बहाव होता है किसी उपकरण को चलने के लिए तो उस करंट को बहने में जो रूकावट पैदा होती” यही रजिस्टेंस का काम होता है।
2- रेजिस्टेंस क्या है हिंदी में समझाइए?
“किसी पदार्थ का वह विशेष गुण जिस कारण से यदि करंट उस पदार्थ के अंदर से गुजरती है। तो वह अपने अंदर से करंट के बहने का प्रबल विरोध करता है।” करंट को बहने से जो रोकता है वही रेजिस्टेंस होता है।
3- रजिस्टेंस का मात्रक क्या है?
रजिस्टेंस का मात्रक ओम (Ω) होता है। और यह ओम (Ω) का मान जितना ही ज्यादा होगा उतना ही करंट को चालक के अंदर से बहने में रूकावट होगी।
4- रजिस्टेंस की पहचान कैसे करें?
रजिस्टेंस पर बने कलर कोड को देख कर हम रजिस्टेंस को पहचानते है।
अलग-2 रंग का अलग-2 मान होता है और इन्ही कलर को एक विशेष तरीके में मिलकर रजिस्टेंस के मान को पता कर सकते है। सभी रजिस्टेंस पर 3 रंग की पट्टी बनाई जाती है।
5- रजिस्टर और रजिस्टेंस में क्या अंतर है?
रजिस्टर कई टाइप के होते है इनका जो काम करने का तरीका होता है उसी के आधार पर इनको अलग-2 श्रेणियों में रखा जाता है।
प्रमुख रूप से यह 2 प्रकार के होते है जिसमे से पहला फिक्स्ड रजिस्टर और दूसरा वेरिएबल रजिस्टर होता है।।
सभी रजिस्टर का अपना-2 Resistance होता है जो सर्किट में सर्किट एलिमेंट के रूप में काम करता है।
Good job sir God bless you
yah post aapko kaisa laga is post ne aapki koi madad ki
aur isme koi aur sudhar ki jarurat hai use bhi bataye