what is power factor? । पावर फैक्टर क्या है?

आज तक आपने Power factor के बारे में तो बहुत बार सुना होगा की हमारे घरो में जो इलेक्ट्रिसिटी आती है उसमे power factor होता है पर यह Power factor हमारे इलेक्ट्रिसिटी में कहां होता है इसका क्या उपयोग होता है और यह हमारे दैनिक जीवन को किस प्रकार से प्रभावित करता है इस पोस्ट में आप बेहतरीन तरीके से समझ जाएंगे।

Definition of power factor? । पावर फैक्टर क्या होता है?

दोस्तों power factor जैसा कि नाम से ही स्पष्ट हो रहा है की power + factor मतलब जो हमारी power होती है उसका factor कर देना मतलब दो भागों में तोड़ देना इसमें दो भागों में तोड़ने से मतलब है की पावर में एक Real power होती है और दूसरी Apparent power होती है इन दोनों में जैसा कि नाम से पता चल रहा है Real power वह ऊर्जा होती है जिसे हमारे उपकरण अपने आप को चलाने में खपत करते है दूसरी ऊर्जा Apparent power यह वह ऊर्जा होती है जिसे हम power house से प्राप्त करते हैं अर्थात कुल ऊर्जा होती है Real power में Apparent powe से भाग देने पर power factor मिलता है यह power factor उसी सप्लाई में हो सकता है जिस सप्लाई में frequency होती है इसका अर्थ यह हुआ की जो Ac supply में होता है क्योंकि DC supply में frequency नहीं होती इसीलिए इसमें power factor नहीं होता है।

India में जो Ac supply हम उपयोग करते हैं उसकी फ्रीक्वेंसी 50 Hz होती है।

How is power factor generated? । पावर फैक्टर कैसे उत्पन्न होता है?

हम आप बचपन से यही सुनते आ रहे हैं की electricity में current और voltage होता है और यही current और voltage इस power factor के उत्पन्न होने में जिम्मेदार होता है वास्तव में current और voltage की अपनी अपनी एक वेव फार्म होती है तो जब current और voltage एक ही वेव फार्म में चलते हैं अर्थात एक साथ चलते हैं तो power factor उत्पन्न ही नहीं होता आप यूं समझो कि power factor का मतलब होता है electricity में होने वाला नुकसान अब चूंकि current और voltage एक साथ चल रहे हैं तो किसी प्रकार का कोई भी नुकसान नहीं होगा तो अब प्रश्न यह उठता है कि पावर factor कैसे उत्पन्न होता हैअब जैसा कि आप चित्र में देख रहे हैं कि पहले चित्र में current और voltage का अधिकतम मान और निम्नतम मान एक समान है तो power  factor जीरो है

दूसरे और तीसरे चित्र में आप देख सकते हैं कि इसमें current और voltage एक साथ नहीं चल रहे हैं अर्थात एक चित्र में current आगे चल रही है और voltage पीछे चल रहा है दूसरे चित्र में current पीछे चल रही है और voltage आगे चल रहा है जब इस प्रकार की घटना होती है तब ही power factor  उत्पन्न होता है अब आपके मन में यह प्रश्न आ रहा होगा की current और voltage आगे पीछे क्यों हो जाते हैं यह एक साथ क्यों नहीं चलते वास्तव में current और voltage का आगे पीछे होने का मुख्य कारण हम जो उपकरण या यूं कहें लोड उस electricity से चला रहे हैं उसी के कारण current  और voltage  आगे पीछे होते हैं अब आपके मन में यह प्रश्न आ रहा होगा कि वह कौन-कौन से उपकरण (लोड) हैं जो power factor को प्रभावित करते हैं इसमें पहला लोड होता है Resistive load, दूसरा Capacitive load, तीसरा  Inductive load अब इसमें से Resistive load (जैसे कि हीटर, 100 वाट बल्ब) में power  factor यूनिटी (1) होता है Capacitive load (जैसे कि capacitor) में भी power factor यूनिटी (1) रहता है और तीसरा है Inductive load (जैसे कि motor  या जहां पर coil  बनी होती है) इस प्रकार के लोड में current  और voltage  एक साथ नहीं चल पाते हैं और इसी कारण से जो power factor है वह उत्पन्न होता है और इसी लोड के कारण वह खराब हो जाता है परंतु यहां पर इस बात को ध्यान देना जरूरी है की बिना motor के coil के हम ना तो अपने घर में किसी प्रकार से कोई इलेक्ट्रिकल उपकरण चला सकते हैं और ना ही किसी इंडस्ट्री में कोई काम हो सकता है इसलिए Inductive load का होना बहुत ही ज्यादा जरूरी है।

Disadvantage of low power factor?। कम पावर फैक्टर से क्या नुकसान होता है?

दोस्तों power  factor को cos ϕ से लिखा जा और यह power  factor 0 से 1 के बीच में रहता है अगर power  factor 1 होता है तो इसे हम सबसे अच्छा power factor (यूनिटी) कहते हैं यूनिटी power factor में किसी प्रकार का कोई भी इलेक्ट्रिसिटी का नुकसान नहीं होता है परन्तु यूनिटी (1) power  factor बहुत कम ही परिस्थितियों में रह सकता है क्योंकि बिना Inductive  load के हम कोई भी कार्य नहीं कर सकते तो इसी कारण से power factor यूनिटी (1) से नीचे चला जाता है अर्थात 0 की तरफ जब बढ़ता है और यह जितना ही जीरो की तरफ जाएगा power factor का लास उतना ही ज्यादा होगा अब हम इसे एक उदाहरण से समझते हैं मान लीजिए आपके यहां पर कोई जनरेटर लगा हुआ है और वह आपको 100 एंपियर का करंट देता है इस 100 एंपियर के current  को देने के लिए वह जिस क्षमता से चलता है उसमें वह 10 लीटर डीजल की खपत करता है अब अगर आपका power factor यूनिटी रहता है तो जो आपको 100 एंपियर का current  मिल रहा है उसमें power factor का गुड़ा हो जाएगा 100*1= 100 एंपियर जो आपको जनरेटर ने दिया वह आपको पूरा का पूरा मिल गया अब यदि किसी कारण से आपका power factor गिरता है अर्थात यूनिटी नहीं रह पाता और वह गिर कर 0.90 आ जाता है तो उस परिस्थिति में जो 100 एंपियर का current  जनरेटर से मिल रहा है उसमे से 100*0.90= 90 एंपियर का current  ही अब हमको मिल पा रहा है अब यहां पर हमको power factor गिरने के कारण 10 एंपियर का नुकसान हो रहा है परंतु जो हमारा जनरेटर है वह पूरा का पूरा 100 एंपियर पैदा कर रहा है और 10 लीटर डीजल की खपत भी कर रहा है परंतु हमें 90 एंपियर ही मिल पा रहा है इस तरह से 100*0.8= 80 एंपियर मिलेगा, 100*0.7= 70 एंपियर ही मिलेगा इसी तरह से जैसे-जैसे power factor गिरेगा नुकसान बढ़ता ही जाएगा तो इस तरह से आप समझ ही गए होंगे की power factor जितना ही कम होगा नुकसान उतना ही ज्यादा होगा औसत रूप से पावर फैक्टर 0.8 माना जाता है। तो इस तरह से आप कह सकते है कि power factor खराब होने पर आपके यहां आने वाली बिजली का एक बड़ा हिस्सा नुकसान हो जाता है

How to maintain power factor?। पावर फैक्टर कैसे सही करें?

1- यूनिटी पावर फैक्टर- इस कंडीशन पर power factor का मान 1 होता है जिस कारण से इसमें किसी प्रकार का कोई लास नहीं होता मतलब जितना इलेक्ट्रिसिटी हमें मिल रही है उतनी पूरी इलेक्ट्रिसिटी का उपयोग हम कर ले रहे हैं अर्थात इसमें current  और voltage एक साथ चल रहे हैं यह एक आदर्श स्थिति होती है परंतु इस को maintain रख पाना बहुत ही कठिन होता है इसलिए 0.95 से 0.99 power factor सबसे अच्छा power factor होता है इसके अलावा power factor दो और प्रकार के होते हैं जिसमें से…

2- Leading power factor (लीडिंग पावर फैक्टर)- इस power factor की स्थिति तब उत्पन्न होती है जब हम जरूरत से ज्यादा कैपेसिटर (Capacitor) को सर्किट के साथ जोड़ देते है इसमें current  और वोल्टेज अपने वेबफॉर्म में voltage  current  से आगे चलता है अर्थात voltage  लीड करता है जिससे power factor लीड करने लगता है अर्थात ऋणात्मक हो जाता है (-.9,-.85,-.80) इस स्थिति को कंट्रोल करने के लिए हमने जो अनावश्यक कैपिस्टर सर्किट में जोड़ रखे हैं उन्हें सर्किट से हटाना पड़ेगा।

2- Lagging power factor (लैगिंग पावर फैक्टर)- इस power factor की परिस्थिति तब उत्पन्न होती है जब हम circuit में  Induction  motor को कनेक्ट करते हैं या उस उपकरण को कनेक्ट करते हैं जिसमें coil होती है इसमें current  और voltage  अपने वेबफॉर्म में current voltage  से आगे चलती है अर्थात current  lead  करती है इसी कारण से इसमें power factor लैग करने लगता है अर्थात इसमें power factor (1 से 0 की तरफ 0.99,0.95,0.90,0.85) गिरता जाता है इस परिस्थिति को कंट्रोल करने के लिए हमें सर्किट में आवश्यक मात्रा का कैपेसिटर लगाना चाहिए जिससे power factor मेंटेन हो सके।

यह जानकारी आपको कैसी लगी कमेंट करके जरूर बताएं और आपको किस टॉपिक पर कंफ्यूजन है वह भी बताएं मुझे आपके प्रश्नों का जवाब देने में बहुत ही प्रसन्नता होगी धन्यवाद्

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