सोलर सिस्टम कितने प्रकार का होता है?

 

अगर सोलर सिस्टम की बात की जाए तो सोलर सिस्टम कितने प्रकार का होता है? इसको जानना बहुत जरुरी है बिजली की पर यूनिट कीमत बढ़ती ही जा रही है और उसके साथ-2 लोग अपने घरों में लगने वाले विद्युत उपकरणों की संख्या भी बढ़ाते जा रहे हैं।

पहले लोग पंखा या कूलर का ही प्रयोग गर्मी के मौसम में करते थे लेकिन आज के समय गर्मी ज्यादा होने के कारण ज्यादातर लोग अपने घरों में AC लगा रहे हैं।

यही कारण है की लोगों का बिजली का बिल बहुत ज्यादा आता है इस बढ़े हुए बिजली के बिल से लोग बहुत ज्यादा परेशान होते हैं परंतु गर्मी से भी बचना है और बिजली का बिल भी ज्यादा ना आए उसका क्या विकल्प है।

इसके लिए लोग solar system की ओर ज्यादा आकर्षित हो रहे हैं परंतु solar system में तीन प्रकार के solar system बाजार में उपलब्ध हैं।

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1- सौर पैनल के 3 प्रकार क्या हैं?

2- अर्थिंग क्यों किया जाता है?

सोलर सिस्टम कितने प्रकार का होता है?

हम लोग जो सोलर सिस्टम हम उपयोग करते है वह सोलर सिस्टम कितने प्रकार का होता है? वह सोलर सिस्टम 3 प्रकार का होता है जिसमें से पहला है “on grid solar system “दूसरा है” off grid solar system” और तीसरा “hybrid solar system

इन तीनो सोलर सिस्टम को लेकर के लोगों के मन में बहुत से प्रश्न है क्योंकि यह तीनो सोलर सिस्टम एक दूसरे से पूरी तरह से विपरीत है जिनका उत्तर आपको इस पोस्ट में मिल जाएगा।

सोलर सिस्टम कितने प्रकार का होता है?

ऑन ग्रिड ऑफ ग्रिड और हाइब्रिड सोलर सिस्टम क्या होता है

सोलर सिस्टम के प्रकर के अंतर्गत On grid solar system आता है यह ग्रिड से हमेशा ऑन (जुड़ा) ही रहता है अर्थात इलेक्ट्रिसिटी सप्लाई जो power house से आ रही है उससे हमेशा जुड़ा रहता है।

यह वहीं पर सफल है जहां पर ग्रिड की सप्लाई अधिक से अधिक समय तक आती रहती है मतलब 24 घंटे में 22 घंटे 23 घंटे या यूं कहें कुछ ही समय के लिए ग्रिड सप्लाई कटती है।

इस सिस्टम में आप इलेक्ट्रिसिटी बना कर पावर हाउस को दे सकते है इससे आप बिजली की बचत के साथ-2 अपना बिजली का बिल भी काम कर सकते है।

मान लीजिये आप 20 यूनिट बिजली का प्रोडक्शन दिनभर में कर रहे है और आप 10 यूनिट का ही उपयोग कर पा रहे है तो बाकी बची हुई 10 यूनिट पावर हाउस को चली जाएगी और महीने के अंत जो आपका बिल आएगा उसमे यह कम हो जायेगा।

वहीं पर off  grid  solar  system में बैटरी कनेक्ट रहती है इसे वहां पर लगाते है जहा पर इलेक्ट्रिसिटी बहुत कम आती है क्योंकि इसमें बैकअप के लिए battery bank जुड़ा हुआ होता है।

इसमें ग्रिड सप्लाई का कोई लेना देना नहीं होता दिन के समय जब सूरज रहता है तब तो आपको इलेक्ट्रिसिटी मिलती ही है और जब रात्रि के समय सूरज नहीं होता तब भी आपको सुचारू रूप से इलेक्ट्रिसिटी मिलती रहती है।

सोलर सिस्टम के प्रकार के अंतर्गत hybrid solar सिस्टम आता है यह (On grid और Off grid) दोनों सोलर सिस्टम का काम करता है। hybrid Solar System में यदि पॉवर जनरेशन अधिक हो रहा है तो इसे आप नेट मीटर के द्वारा ग्रिड को भेज सकते हैं।

जिससे आपका बिजली का बिल काफी कम हो जाता है। इसके साथ ही आपकी सोलर बैटरी भी चार्ज होती रहती है। इस सोलर सिस्टम में जब आपकी बैटरी फुल चार्ज हो जाती है

तो सोलर सिस्टम से आने वाली बिजली घर के उपकरणों को चलाने लगती है, जिससे आपकी power house की बिजली का उपयोग बहुत कम हो जाता है।

इसके साथ ही आपका सोलर सिस्टम जितना अधिक यूनिट (KW) बिजली ग्रिड में भेजेगा उतना ही बिजली बिल कम आएगा।

ऑन ग्रिड सोलर सिस्टम में फायदा

On grid solar system विद्युत् का एक बहुत ही अच्छा विकल्प है इसको लगवाने में जो खर्च आता है वह बहुत कम होता है क्योंकि इसमें सिर्फ solar panel और एक यूपीएस होता है जो dc supply को ac supply में बदलता है

यह सिस्टम तभी काम करता है जब इसके साथ में ग्रिड सप्लाई जुड़ी हुई होती है ऐसे स्थानों पर यह सिस्टम पूरी तरह से सफल है।

अगर आपने यह सोलर सिस्टम लगवा रखा है और ग्रिड की सप्लाई किसी कारण से अगर बाधित होती है तो चूंकि इसमें किसी प्रकार का कोई भी बैटरी बैंक जुड़ा हुआ नहीं होता है तो इस स्थित में आपके घर की इलेक्ट्रिक सप्लाई बाधित हो जायेगी।

तो दिन के समय जब सूरज रहता है तो solar panel बिजली बनाते हैं और वह बिजली हम उपयोग करते हैं।

परंतु रात्रि में जब सूरज नहीं रहता तब क्या होगा आपको बता दें कि solar panel बनाने वाली कंपनियां या दावा करती हैं कि यदि 1 kw का solar panel आपने लगवाया है तो वह solar panel पूरे रनिंग आवर में जितने समय तक सूरज रहता है उतने समय में 5 यूनिट बिजली का उत्पादन करती हैं।

अगर आपके घर में 2 KW (यूनिट) बिजली का ही खपत दिन भर में होता है लेकिन आपने 5 यूनिट बिजली का उत्पादन किया अब चूकि यह सोलर सिस्टम ऑन ग्रिड है तो बाकी का बचा हुआ 3 यूनिट ग्रिड को चली जायेगा।

इसके लिए power house अपना एक मीटर लगाता है जो ग्रिड को जाने वाली बिजली का रिकॉर्ड रखता है की कितनी बिजली आपने ग्रिड को दी है।

चूँकि रात्रि में सूरज नहीं होता और आपका solar panel बिजली का उत्पादन नहीं कर रहा होता तो दिन के समय 3 यूनिट बिजली ग्रिड को आपने दी थी वह बिजली रात्रि में ग्रिड आपको वापस कर देगा इस तरह से आपका बिजली का बिल बहुत ही कम हो जाएगा।

नोट- इस तरह से power house का जो बिजली का मीटर होता है उसका केवल महीने का सरचार्ज ही लगेगा और 200 से 300 रूपया ही आपका बिजली का बिल आएगा।

यदि पावर हाउस की बिजली नहीं आ रही होती तो आपके घर में भी बिजली के सप्लाई नहीं आती अगर आपके घर में ongrid solar system लगा होता है इसीलिए बहुत से लोग ongrid solar system  को लगवाना पसंद नहीं करते है।

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ऑफग्रिड और हाइब्रिड सोलर सिस्टम का फायदा

अब आइए off grid solar system को जानते हैं यह भी type of solar system के अंर्तगत आता है इस solar system में  power house से किसी प्रकार की बिजली की आवश्यकता नहीं होती।

अर्थात इसमें ग्रिड सप्लाई का कोई संबंध नहीं होता इस सिस्टम में solar panel दिन के समय जो भी इलेक्ट्रिसिटी का उत्पादन करते हैं वह इलेक्ट्रिसिटी इसके साथ जुड़े हुए बैटरी बैंक में इकट्ठा हो जाती है

जिसका उपयोग हम दिन और रात्रि दोनों समय पर कर लेते हैं off grid solar system में  battery bank जुड़ा होने के कारण इसमें battery bank की कीमत अलग से जुड़ जाती है

जो कि काफी ज्यादा होती है इसीलिए off grid solar system काफी महंगा होता है वहीं पर on grid solar system में  battery bank ना होने के कारण इसकी कीमत काफी कम होती है।

आपके घर में जो उपकरण लगे हैं वह ज्यादा लोड के हैं तो आपको उसी के अनुसार उतने ही kw का solar system लगवाना चाहिए नहीं तो आपके घर के सारे उपकरण नहीं चल पाएंगे।

वहीं पर अगर आपने अपने घर में on grid solar system लगवाया है तो आपको केवल बड़े यूपीएस को लगवाने की जरूरत है।

नोट:- इसलिए हम यह कह सकते हैं कि आपको यदि solar system लगवाना है तो सबसे पहले आपको या देखना चाहिए कि आपके यहां ग्रिड सप्लाई 24 घंटे में से कितने घंटे आती है अगर ग्रिड सप्लाई 1 या 2 घंटे के लिए ही बाधित होती है।

तो आपको on grid solar system लगवाना चाहिए परंतु यदि ग्रिड सप्लाई 4 घंटे या 5 घंटे के लिए बाधित होती है तो आपको off grid solar system लगवाना चाहिए।

भारत में ऑन ग्रिड सोलर सिस्टम की कीमत

On grid solar system में जो solar panel लगा होता है वह 25-35 रुपए प्रतिवाट की कीमत पर बाजार में उपलब्ध है ups की कीमत VA या KVA के अनुसार निर्धारित होती है लगभग 5 kva का इनवर्टर 25 से 35 हजार के बीच में मिल जाता है।

इसके अलावा इंस्टॉलेशन में ₹10,000 रुपए का खर्च आता है इसके आलावा कुछ वायर, एमसीबी इन सभी का खर्च ₹10,000 रुपए के लगभग आता है इस तरह से 1 kw solar system की लागत लगभग ₹70,000 रुपए आएगा, 5 किलोवाट solar system की कीमत लगभग ₹300000 रुपए तक आएगा।

इसके अलावा इंस्टॉलेशन का खर्चा 10,000 रुपए और कुछ वायर एमसीबी इन सभी का खर्चा लगभग ₹10,000 रुपए आता है इस तरह से 1 किलो वाट solar system की कीमत लगभग 70,000 रुपए आएगी, 5 किलोवाट solar system की कीमत लगभग 200000 रुपए आएगा।

भारत में ऑफ ग्रिड सोलर सिस्टम की कीमत

Off grid solar system में जो solar panel का उपयोग होता है वह 25-35 रुपए प्रतिवाट की कीमत पर बाजार में उपलब्ध है और इसमें जो battery bank का उपयोग होता है।

उसमें यदि 150 Ah की battery लगाते हैं तो प्रत्येक battery की कीमत 13 से 15 हजार रुपए के बीच में आती है।

इनवर्टर की कीमत kva के अनुसार निर्धारित होती है और इसमें आप अपनी जरूरत के अनुसार इनवर्टर ले सकते हैं जो लगभग 5 kva का इनवर्टर 25 से 35 हजार के बीच में मिल जाता है।

इसके अलावा इंस्टॉलेशन का खर्च 10,000 रुपए और कुछ वायर, एमसीबी का खर्च लगभग ₹10,000 रुपए आता है।

1 किलोवाट के पूरे solar system की कीमत लगभग 1 लाख रुपए आएगा, 5 किलोवाट के पूरे solar system की कीमत लगभग 300000 रुपए आएगा।

इस पोस्ट में मैंने solar system के बारे में बेहतर से बेहतर जानकारी देने की कोशिश की है और मुझे यह पूरा विश्वास है कि आपको यह पोस्ट जरूर पसंद आया होगा।

आपके मन में जो भी कंफ्यूजन होगी उसका समाधान आपको मिल गया होगा फिर भी आपके मन में यदि कोई प्रश्न है तो कमेंट बॉक्स में अपना विचार अवश्य प्रकट करें।

निष्कर्ष

इस पोस्ट में हमने सोलर सिस्टम कितने प्रकार का होता है? और इसके साथ-2 इसमें ऑन ग्रिड और ऑफ ग्रिड के साथ-2 हाइब्रिड सोलर सिस्टम के बारे में जाना की कहाँ पर ऑन ग्रिड और कहाँ पर ऑफ ग्रिड और कहाँ पर हाइब्रिड सोलर सिस्टम को लगाया जाता है।

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2- MCB और MCCB में क्या अंतर होता है


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सोलर सिस्टम कितने प्रकार का होता है? से सम्बंधित महत्वपूर्ण प्रश्न और उत्तर (Mcq)-

1- सोलर सिस्टम कितने प्रकार के होते हैं
तीन प्रकार के सोलर सिस्टम होते हैं ऑन ग्रिड, दूसरा ऑफ ग्रिड, और तीसरा हाइब्रिड सोलर सिस्टम।

2- सबसे अच्छा सोलर पैनल कौन सा होता है।
सबसे अच्छा सोलर पैनल मोनोक्रिस्टलाइन सोलर पैनल होता है।

3- सोलर पैनल से क्या-क्या चला सकते हैं।
सोलर पैनल से घर व व्यवसाय में जो भी उपकरण लगे हुए हैं उन सभी को चला सकते हैं जैसे फ्रिज, कुलर, पंखा, टीवी, हीटर, एसी, पानी की मोटर मतलब हर प्रकार की चीज चला सकते हैं।

4- सोलर पैनल किससे बनता है।
सोलर पैनल आमतौर पर सिलिकान और कांच से बनाया जाता है जिसमें मोनोक्रिस्टलाइन और पॉलीक्रिस्टलाइन सोलर पैनल शामिल है।

5- सोलर पैनल कितने समय तक चलते हैं।
सामान्य रूप से जब भी आप सोलर पैनल खरीदते हैं तो सोलर पैनल के साथ में 25 साल की वारंटी मिलती है बशर्ते सोलर पैनल टूटे ना।

मेरा नाम आर के श्रीवास्तव है इस ब्लॉग में आपको इलेक्ट्रीशियन ट्रेड से संबंधित सभी प्रकार की रोचक जानकारी मिलेगी, जिससे आप रोज नई-नई जानकारी सीख पाएंगे। आपके मन में किसी भी प्रकार का कोई भी प्रश्न/कंफ्यूजन है तो उसे कमेंट सेक्शन में जाकर जरूर कमेंट करे मैं जल्द से जल्द उस प्रश्न/कंफ्यूजन का उत्तर दूंगा और आपकी कंफ्यूजन को दूर करने का पूरा प्रयास करूंगा। धन्यवाद्